CM Siddaramaiah: मेटा प्लेटफॉर्म के ट्रांसलेट वर्जन के खिलाफ मुखर तौर पर हमलावर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ी नसीहत दे दी है। कर्नाटक सीएम ने साफ तौर पर Meta को एक जिम्मेदार अनुवाद प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी है। दरअसल, मेटा ने कन्नड भाषा से जुड़े एक पोस्ट का ट्रांसलेट वर्जन पेश करते हुए सीएम सिद्धारमैया को ‘दिवंगत’ बता दिया था। इसके बाद कर्नाटक सीएम बिफर उठे और व्यापक सुधार की मांग कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए CM Siddaramaiah के मीडिया सलाहकार केवी प्रभाकर ने मेटा को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर तत्काल सुधार करने का आग्रह किया है। इधर देश के विभिन्न हिस्सों में जारी मराठी vs हिंदी संग्राम के बीच कन्नड भाषा से जुड़ा ट्रांसलेटेड वर्जन भी सुर्खियां बटोर रहा है।
ट्रांसलेट वर्जन से खफा हुए CM Siddaramaiah की Meta को नसीहत!
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के एक ट्रांसलेट वर्जन को लेकर संग्राम छिड़ा है जिसमें सीएम सिद्धारमैया को दिवंगत बताया गया था। उसको लेकर कर्नाटक सीएम फ्रंटफुट पर हैं और Meta को व्यापक सुधार करने की नसीहत दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार केवी प्रभाकर ने इस संंबंध में मेटा को सुधार करने की मांग की है। CM Siddaramaiah लिखते हैं कि “मेटा प्लेटफॉर्म पर कन्नड़ सामग्री का दोषपूर्ण स्वचालित अनुवाद तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है और उपयोगकर्ताओं को गुमराह कर रहा है। आधिकारिक संचार के मामले में यह विशेष रूप से खतरनाक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। मैं नागरिकों को सचेत करता हूँ कि दिखाए गए अनुवाद अक्सर गलत होते हैं। तकनीकी दिग्गजों की इस तरह की लापरवाही जनता की समझ और विश्वास को नुकसान पहुँचा सकती है।”
मराठी के बाद सुर्खियों में कन्नड भाषा!
देश में मराठी अस्मिता को लेकर अलग की संग्राम छिड़ा है जिसका केन्द्र ठाकरे ब्रदर्स हैं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एकजुट होकर मराठी अस्मिता को संरक्षित करने की कवायद करने में जुटे हैं। इस दिशा में MNS चीफ के साथ निशिकांत दूबे की जुबानी बहस भी सुर्खियों में है। ऐसे में जहां एक ओर मराठी भाषा को लेकर संग्राम का दौर छिड़ा है। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में कन्नड भाषा से जुड़े एक पोस्ट का गलत अनुवाद भी मामले को धार दे रहा है। यही वजह है कि मराठी के बाद कन्नड भाषा भी सुर्खियों में है और CM Siddaramaiah मेटा के खिलाफ मुखर हैं।