Delimitation: चेन्नई में तीसरे मोर्चे के रूप में एक नई स्ट्रैटजी बनाई जा रही है। इसके कर्ता-धर्ता और नेतृत्वकर्ता DMK प्रमुख व मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हैं। डीलिमिटेशन को मुद्दा बनाकर MK Stalin बीजेपी के खिलाफ नए सिरे से किलाबंदी करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में दिग्गजों का जमावड़ा नजर आया है। केरल सीएम पिनरई विजयन, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, सीएम रेवंत रेड्डी समेत कई विपक्षी नेता Delimitation के खिलाफ मुखरता से अपनी आवाज उठाने चेन्नई पहुंचे हैं। इस दौरान इशारों-इशारों में ही विपक्षी नेताओं ने केन्द्र को निशाने पर लिया है। Chennai में विपक्षी दिग्गजों की उपस्थिति कई संभावनाओं को भी जन्म दे रही है जिसके कारण सियासी गलियारों में हलचल की स्थिति है।
Delimitation के खिलाफ चेन्नई में दिग्गजों का जमावड़ा!
चेन्नई में अपने हिस्से का पक्ष रखते हुए MK Stalin ने कहा कि “निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन वर्तमान जनसंख्या के अनुसार नहीं होना चाहिए। हम सभी को इसका विरोध करने में दृढ़ रहना चाहिए। संसद में जनप्रतिनिधियों की संख्या कम होने से हमारे विचार व्यक्त करने की ताकत कम हो जाएगी।” उन्होंने आगे कहा कि “अगर प्रतिनिधित्व घटता है, तो इससे राज्यों के लिए धन प्राप्त करने की लड़ाई शुरू हो जाएगी। हमारी इच्छा के बिना भी कानून बनाए जाएंगे। ऐसे फैसले लिए जाएंगे जो हमारे लोगों को प्रभावित करेंगे। छात्र महत्वपूर्ण अवसर खो देंगे। किसानों को बिना समर्थन के असफलताओं का सामना करना पड़ेगा। हमारी संस्कृति और विकास खतरे में पड़ जाएगा। सामाजिक न्याय प्रभावित होगा। अगर निर्वाचन क्षेत्रों का Delimitation होता है या प्रतिनिधित्व कम होता है, तो हम ऐसे नागरिक होंगे जो अपने ही देश में राजनीतिक शक्ति खो देंगे।”
सूबे के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि “दशकों से, यहां मौजूद राज्यों ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। हमने नीतियां पेश कीं, जागरूकता बढ़ाई और वह हासिल किया जिसका राष्ट्र लक्ष्य था स्थिर जनसंख्या वृद्धि। जबकि कुछ अन्य राज्यों में तेजी से जनसंख्या वृद्धि का अनुभव जारी है, हमने जिम्मेदारी से काम किया। नतीजतन, हम कई अन्य राज्यों की तुलना में बहुत पहले जनसंख्या प्रतिस्थापन दर तक पहुँच गए। लेकिन इस उपलब्धि के लिए पुरस्कृत होने के बजाय, अब हम अपना राजनीतिक प्रतिनिधित्व खोने के जोखिम में हैं।”
पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर Delimitation पर अपना पक्ष रखा है। उनका कहा है कि “परिसीमन प्रक्रिया इस प्रकार से की जाए कि किसी भी राज्य को सदन में कुल सीटों की संख्या के संदर्भ में लोकसभा या राज्यसभा में अपने प्रतिनिधित्व में कोई कमी न झेलनी पड़े।”
MK Stalin के नेतृत्व में BJP के खिलाफ नए सिरे से किलेबंदी!
इंडिया गठबंधन के रूप में एक प्रयोग कर चुका विपक्ष BJP के खिलाफ नए सिरे से किलेबंदी करने में जुट गया है। इसी क्रम में आज चेन्नई में Delimitation के खिलाफ विपक्षी नेता मुखरता से आवाज उठा रहे हैं। सीएम रेवंत रेड्डी, पिनरई विजयन, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, सीएम एमके स्टालिन, उदयनिधि स्टालिन समेत अन्य कई स्थानीय दिग्गज मुखरता से परिसिमन के खिलाफ एकजुटता दर्शा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि CM MK Stalin के नेतृत्व में खड़ी हो रही तीसरी मोर्चा BJP के खिलाफ एक नई किलेबंदी भी है। इसका लक्ष्य दक्षिणी राज्यों में बीजेपी के प्रभाव को रोकना है, ताकि राष्ट्रीय पार्टी अपनी पकड़ न मजबूत कर सके। फिलहाल इस मामले में संभावनाओं को कई द्वार खुले हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि निकट भविष्य में इस प्रयोग का क्या असर होता है।