Home ख़ास खबरें Arshad Madani: ‘मुसलमान अपाहिज हो..’ उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष का विवादित बयान, अल-फ़लाह...

Arshad Madani: ‘मुसलमान अपाहिज हो..’ उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष का विवादित बयान, अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी पर ये क्या बोल गए मौलाना; बीजेपी का तंज

Arshad Madani: अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टर आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए। दिल्ली ब्लास्ट में व्हाइट कॉलर मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है।

Arshad Madani
Arshad Madani - फाइल फोटो

Arshad Madani: अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टर आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि दिल्ली ब्लास्ट में व्हाइट कॉलर मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है। वहीं सुरक्षा ऐजेंसियों ने अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी से कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इसी बीच उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने एक ऐसा बयान दिया है। जिसने राजनीति पूरी तरह से गरमा दी है। वहीं अब बीजेपी ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

Arshad Madani के बयान से गरमाई सियासत

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि “दुनिया सोचती है कि मुसलमान लाचार, खत्म और बंजर हो गए हैं। मैं ऐसा नहीं मानता। आज एक मुसलमान ममदानी न्यूयॉर्क का मेयर बन सकता है, एक खान लंदन का मेयर बन सकता है, जबकि भारत में कोई विश्वविद्यालय का कुलपति भी नहीं बन सकता।

और अगर कोई बन भी जाए, तो उसे आज़म खान की तरह जेल भेज दिया जाएगा। देखिए आज अल-फ़लाह में क्या हो रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है कि मुसलमान कभी सिर न उठा सकें।”

अरशद मदनी के बयान पर बीजेपी का तंज

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी के बयान पर भाजपा नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि “उनका बयान गैरज़िम्मेदाराना है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा था और हमें उनसे इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी। मदनी का यह बयान कि भारतीय मुसलमान संस्थानों में शीर्ष पदों पर नहीं रह सकते, भ्रामक है।

उन्हें पता होना चाहिए कि एक भारतीय मुसलमान भारत का राष्ट्रपति हो सकता है, भारतीय हॉकी टीम का कप्तान हो सकता है, या भारत का मुख्य न्यायाधीश हो सकता है। एक भारतीय मुसलमान को संविधान द्वारा प्रदान किए गए किसी भी पद को प्राप्त करने का अधिकार है।”

Exit mobile version