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Bihar Assembly Election 2025: प्रधानमंत्री मोदी चुनावी रैली की शुरुआत समस्तीपुर से क्यों करेंगे? यह हकीकत जानकर महागठबंधन की उड़ जाएगी नींद

Bihar Assembly Election 2025: भाजपा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी की रैली से करने जा रही है। इसके लिए भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती को चुना गया है। समस्तीपुर का कर्पूरीग्राम राज्य के दलित, पिछड़े और अति पिछड़े मतदाताओं तक एनडीए का स्पष्ट संदेश पहुँचाने के लिए एक उपयुक्त स्थल बन सकता है।

PM Narendra Modi
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Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हैं। सभी राजनीतिक दल वोट बटोरने के लिए ज़ोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के लिए प्रचार करने बिहार आ रहे हैं। जिसकी शुरुआत समस्तीपुर से होगी। 24 अक्टूबर को पीएम मोदी कर्पूरीग्राम से अपनी चुनावी रैली की शुरुआत करेंगे। इसके बाद बिहार में इस बात पर गरमागरम चर्चा हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अभियान की शुरुआत के लिए समस्तीपुर को ही क्यों चुना। इसके पीछे भाजपा और जदयू का एक ख़ास मास्टरप्लान है, जो आपकी राजनीतिक समझ को और मज़बूत करेगा।

दरअसल, बिहार में ज़्यादातर पार्टियाँ दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के इर्द-गिर्द अपनी राजनीति केंद्रित करती दिखती हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद को मिले समर्थन में यह बात ख़ास तौर पर साफ़ दिखाई दी। जिसमें तेजस्वी यादव की आरजेडी सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। एनडीए में भी कई प्रमुख नेता हैं जो इन वर्गों के उत्थान के लिए राजनीति में चर्चा में रहे हैं। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम याद आता है। दोनों नेताओं के द्वारा इन समुदायों के उत्थान के लिए किए गए कार्य राजनीतिक प्रतिष्ठा है। यही कारण है कि जननायक की जन्मभूमि कर्पूरीग्राम समस्तीपुर बिहार बीजेपी के लिए आशा की किरण बनने को तैयार है।

Bihar Assembly Election 2025: प्रधानमंत्री मोदी समस्तीपुर से करेंगे चुनावी रैली की शुरुआत

गौरतलब है कि बिहार की राजनीति में दलित,पिछड़ा और अति पिछड़ा वोट बैंक हमेशा से अहम रहे हैं। हालांकि, समय के साथ इन वर्गों की मानसिकता बदली है। इसके बावजूद 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों की सफलता एनडीए को खटकटी रही है। हालांकि, केंद्र की मोदी सरकार ने दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों समेत सभी वर्गों के उत्थान के लिए व्यापक कार्य किए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। एनडीए सरकार ने लगातार दावा किया है कि पिछले 11 साल गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), आयुष्मान भारत योजना, स्वच्छ भारत मिशन और सौभाग्य योजना आदि को इन वर्गों की बेहतरी के लिए समर्पित और सफल बताया गया है।

केन्द्र की मोदी सरकार का दावा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने चार करोड़ गरीबों के पक्के घर का सपना पूरा किया है। उज्ज्वला योजना ने 10 करोड़ रसोई से धुआं खत्म किया है। आयुष्मान भारत योजना ने 50 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया है। सौभाग्य योजना ने अंधेरे में रहने वाले 2.5 करोड़ परिवारों तक बिजली पहुंचाई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए 12 करोड़ शौचालयों ने लोगों को खुले में शौच की मजबूरी से मुक्ति दिलाई है। इसी तरह बीते 20 सालों में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन को समाज के सभी वर्गों ने पसंद किया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर टाइमलाइन जारी करने से कुछ दिन पहले ही बिहार की प्रत्येक जीविका दीदी के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये की आर्थिक मदद ट्रांसफर की गई। इन सबके बावजूद प्रदेश बीजेपी ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है कि बिहार में समाज के इन वर्गों का इंडिया अलायंस की ओर झुकाव न रहे। इससे महागठबंधन में हलचल मच गई है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पीएम मोदी की रैली को लेकर महागठबंधन में हलचल तेज

मालूम हो कि भाजपा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी की रैली से करने जा रही है। इसके लिए भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती को चुना गया है। समस्तीपुर का कर्पूरीग्राम राज्य के दलित, पिछड़े और अति पिछड़े मतदाताओं तक एनडीए का स्पष्ट संदेश पहुँचाने के लिए एक उपयुक्त स्थल हो सकता है। चाहे भाजपा हो, जदयू हो या एनडीए के अन्य घटक दल सभी ने भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श बताया है।

नतीजतन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार के लिए पहला संदेश प्रदेश भाजपा की मुख्य चुनावी तैयारी बन सकता है। जिससे यहां के पिछड़े वर्ग के 26 प्रतिशत और अत्यंत पिछड़े वर्ग के 36 प्रतिशत वोट यानी कुल वोटों का 62 प्रतिशत एक साथ साधे जा सकते हैं। इसको लेकर महागठबंधन में हलचल तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब लालू प्रसाद यादव खुद महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए एनडीए को चुनौती देने के लिए फ्रंटफुट पर लड़ेंगे। राहुल और तेजस्वी यादव की चुनावी रैलियाँ भी पिछले चुनावों के मुकाबले बढ़ाई जा सकती हैं। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की मजबूती के लिए प्रचार करती नज़र आ सकती हैं।

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