Bihar Politics: क्रांति की धरती बिहार की राजनीति में फिर एक बार पारा चढ़ता नजर आ रहा है। जहां एक ओर NDA पीएम मोदी की मोतिहारी रैली के बाद गदगद है। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तेज प्रतात यादव बिहार पॉलिटिक्स में बगावत का बिगुल फूंक कर नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो, महागठबंधन की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़नी तय हैं।
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव पहले ही तेजस्वी को विपक्ष का नेता मानने से कतराते रहे हैं। ऐसे में यदि तेज प्रताप यादव ने भी नया दल बना लिया, तो Bihar Politics में सरगर्मी तेज हो सकती है। तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए अड़े RJD चीफ लालू यादव के समक्ष तब और मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। ये ऐसी खबर है जिसे सुनकर बीजेपी खेमा और सीएम नीतीश कुमार जरूर गदगद होंगे।
नए दल का ऐलान कर Bihar Politics में महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं तेज प्रताप यादव!
यदि लालू यादव के ज्येष्ठ पुत्र तेज प्रताप यादव ने नए दल का ऐलान कर दिया, तो निश्चित रूप से महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, बिहार पॉलिटिक्स में जारी तनातनी के बीच तेज प्रताप यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया है। दावा किया जा रहा है कि तेज प्रताप अनुष्का यादव प्रकरण और RJD से निष्कासित किए जाने के बाद नए राजनीतिक दल का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर Tej Pratap Yadav की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। Bihar Politics में तेज प्रताप की नई दल से जुड़ी खबर सुर्खियां बटोर रही है और चौक-चौराहों पर चर्चा तेज है।
तेजस्वी यादव को CM बनाने के लिए अड़े RJD चीफ की बढ़ सकती है चुनौती!
ये स्पष्ट है कि यदि तेज प्रताप यादव नए राजनीतिक दल का गठन करते हैं, चो राजद खेमा बट जाएगा। लालू यादव और तेजस्वी के इर्द-गिर्द रहने वाले कुछ वरिष्ठ नेता तब तेज प्रताप के साथ आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में RJD चीफ लालू यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, लालू यादव कई सार्वजनिक मंचों से तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की इच्छा जता चुके हैं। Bihar Politics की अहम कड़ी बन चुके महागठबंधन का नेतृत्व भी तेजस्वी यादव के हाथों में है। ऐसी स्थिति में यदि तेज प्रताप यादव ने आधिकारिक रूप से बगावत कर दी, तो लालू यादव के सपनों पर पानी फिर सकता है। बगावत की स्थिति में तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए जुटे लालू यादव को झटका लगने के आसार जताए जा रहे हैं।
मालूम हो कि इससे पूर्व पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव और कांग्रेस प्रभारी अल्लवारु कृष्णा तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा मानने से कतराते नजर आए हैं। पप्पू यादव तो साफ तौर पर कांग्रेस को 90 से 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की नसीहत दे चुके हैं। ऐसे में यदि एक और विरोधी खेमा आ गया, तो महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बिहार पॉलिटिक्स में जारी उथल-पुथल से गदगद नीतीश कुमार
पटना के 1 अणे मार्ग पर स्थित राजकीय आवास में लगभग दो दशकों से काबिज नीतीश कुमार इस सियासी उथल-पुथल से जरूर गदगद होंगे। जहां एक नीतीश कुमार बिहार की सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सत्ता की कुर्सी हासिल करने के लिए एकजुट हुए विपक्ष में कलह की खबरें सामने आ रही हैं। Bihar Politics में दिलचस्पी रखना वालों को बखूबी पता है कि यदि महागठबंधन तेज प्रताप यादव, पप्पू यादव समेत अन्य कुछ नेताओं की बगावती सुर में उलझा रहा, तो चुनावी परिणाम विपक्ष का खेला बिगाड़ सकते हैं। हालांकि, विपक्ष का आपस में उलझना नीतीश कुमार, बीजेपी और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के लिए राहत भरी खबर है जिसे सुन खेमा गदगद नजर आ सकता है।