Census 2027: तमाम तरह की कयासबाजी के बीच केन्द्र सरकार ने जनगणना पर बड़ा अपडेट साझा किया है। केन्द्र की ओर से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने सेंसस 2027 का पूरा प्लान जनता के समक्ष पेश किया। रेल मंत्री ने साफ तौर पर बताया कि केन्द्र सरकार ने 2027 में होने वाली जनगणना के लिए 11718 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इस लागत के साथ जनगणना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। चूकि 2027 में ही यूपी विधानसभा चुनाव भी संपन्न होना है। ऐसे में इसको लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। कईयों के मन में सवाल है कि क्या यूपी चुनाव से पहले ही जनगणना संपन्न हो जाएगी? जनगणना का प्रारूप भी सवालों में है जिसका जवाब देते हुए हम इस खबर को विस्तार से बताएंगे।
क्या यूपी चुनाव से पहले होगा Census 2027?
पुख्ता रूप से इसका जवाब नहीं में दिया जा सकता है। दरअसल, यूपी में मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था। ऐसे में 5 वर्ष का कार्यकाल मार्च, 2027 में ही पूरा हो जाता है। उससे पहले ही चुनाव संपन्न होने के आसार हैं। वहीं जनगणना का पहला चरण अप्रैल 2026 में शुरू हो रहा। इसकी अंतिम रिपोर्ट वर्ष 2027 के अंत तक आने की उम्मीद है। जनगणना का पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा। दूसरा चरण फरवरी 2027 में होगा। इसका प्रारंभिक डेटा मार्च 2027 तक आ सकता है, वहीं अंतिम रिपोर्ट वर्ष 2027 के अंत तक आने के आसार हैं। ऐसे में यूपी चुनाव से पहले जनगणना नहीं संपन्न होगी।
जानें जनगणना का पूरा बजट और प्रारूप
रेल मंत्री ने साफ तौर पर केन्द्र की ओर से मंजूर की गई धनराशि का जिक्र कर बजट सबके समक्ष रख दिया है। इसके मुताबिक केन्द्र सरकार जनगणना के लिए 11718 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस जनगणना में जाति आधारित गणना शामिल होगी और जाति संबंधित प्रश्नावली सरकारी अधिसूचना के तहत निर्धारित होगी। जनगणना का प्रारूप यूं है कि सबकुछ डिजिटल माध्यम से किया जाएगा। मोबाइल ऐप के माध्यम से डेटा एकत्र किया जाएगा और स्व-गणना के लिए ऑनलाइन प्रावधान होगा।
इसके अलावा अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जनगणना के दौरान लोगों से क्या सवाल क्या पूछे जाएंगे और वह पिछली जनगणना से कैसे अलग होगी, इसका जनगणना ऐक्ट के तहत एक गजट नोटिफिकेशन आएगा। गजट में सारे जवाब होंगे कि गोत्र, जाति के बारे में अंतर कैसे करें। इसके अलावा सरकार की ओर से डिजिटल जनगणना सिस्टम तैयार किया जा रहा है जिसकी मदद से लोगों की निजी जानकारियों को सेफ रखने का पूरा इंतजाम किया जाएगा। सरकार ने ये भी साफ किया है कि जो आदमी गलत आकंड़े देगा, उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। ये जनगणना 2027 का पूरा प्रारूप है जो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा साझा किया गया है।
