Home देश & राज्य उत्तर प्रदेश CM Yogi Adityanath: ‘पिछले 8 वर्षों में कृषि विकास की दर..’ उत्तर...

CM Yogi Adityanath: ‘पिछले 8 वर्षों में कृषि विकास की दर..’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसान पाठशाला का किया शुभारंभ; अन्नदाताओं के लिए ऐसे साबित होगा गेमचेंजर

CM Yogi Adityanath की अगुवाई में राज्य तेजी से विकास कर रहा है। हर क्षेत्र में योगी सरकार निर्णायक कदम बढ़ा रही है।

CM Yogi Adityanath
CM Yogi Adityanath - फाइल फोटो

CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अगुवाई में राज्य तेजी से विकास कर रहा है। हर क्षेत्र में योगी सरकार निर्णायक कदम बढ़ा रही है। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के फैसले ने किसानों की भी जिंदगी बदल कर रख दी है। दरअसल सीएम योगी ने आज जनपद बाराबंकी में कृषि उन्नति के 150 वर्ष पर ‘खेती की बात खेत पर’ प्रगतिशील किसान सम्मेलन एवं किसान पाठशाला का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने पिछले 8 साल में किसानों के लिए कार्यों की जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने साथ ही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी किसानों को चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

किसानों को लेकर क्या बोले CM Yogi Adityanath

लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “पिछले 8 वर्ष में कृषि विकास की दर को 8.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.7 प्रतिशत उत्तर प्रदेश ने पहुंचाया है। गेहूं उत्पादन में देश के अंदर 35 प्रतिशत योगदान उत्तर प्रदेश दे रहा है, जो देश में प्रथम है। कुल राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 21 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में नौ क्लाइमेटिक जोन हैं। इनके अनुरूप अच्छी किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध हों, इसके लिए प्रदेश के अंदर कार्य लगातार आगे बढ़ रहा है”।

देश के खाद्यान्न की आपूर्ति अकेले उत्तर प्रदेश 21% करता है – सीएम योगी आदित्यनाथ

देश के अंदर अगर खेती योग्य भूमि को देखेंगे तो उत्तर प्रदेश के पास मात्र 11% भूमि है, लेकिन देश के खाद्यान्न की आपूर्ति अकेले उत्तर प्रदेश 21% करता है और यह तब हो पाया, जब डबल इंजन की सरकार ने प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप किसान को बीज से लेकर बाजार तक सभी सुविधाओं से आच्छादित किया। पिछले 8 वर्षों में हम लोगों ने गन्ना किसानों को ₹2 लाख 92 हजार करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान किया है।

2017 से पहले लागत अधिक थी और अन्नदाता किसानों को लाभ कम होता था। सिंचाई परियोजनाओं की रफ्तार अत्यंत धीमी थी, बिचौलियों का वर्चस्व बना था। आज डीबीटी के माध्यम से पारदर्शी भुगतान हो रहा है, बिचौलिया मुक्त खाद्यान खरीद की व्यवस्था है।

Exit mobile version