Delhi Air Pollution: दिवाली के करीब आते ही दिल्ली-एनसीआर की हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि सांस लेना तक एक चुनौती बन जाता है। अब तो यह हर साल की कहानी बन चुकी है। दिवाली 2025 से पहले ही रविवार को दिल्ली वायु प्रदूषण बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। ऐसे में सीएक्यूएम यानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को ग्रेप-2 मतलब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करना पड़ा।
Delhi Air Pollution: एक्यूआई 300 के पार, हवा हुई बेहद खराब
‘Hindustan Times’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीसीबी यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे का एवरेज एक्यूआई यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 296 था, जो कि खराब कैटेगरी में आता है। दिल्ली वायु प्रदूषण और बढ़ने लगा, शाम तक बहुत खराब श्रेणी में चला गया। वहीं, रात को स्थिति और खराब हो गई और एक्यूआई 300 के आंकड़े को पार कर गया। मौसम एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि सप्ताह के अंत तक स्थिति में सुधार होने की संभावना नहीं है। 2 फरवरी के बाद यह पहली बार है, जब दिल्ली का एक्यूआई बेहद खराब हुआ है, उस दिन एक्यूआई 326 दर्ज हुआ था।
दिल्ली वायु प्रदूषण की वजह से लागू हुआ ग्रैप-2
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में ग्रैप-2 के तहत वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 12 उपाय किए गए हैं। इनमें डीजल जनरेटर सेट से संबंधित प्रतिबंधों पर सख्त प्रवर्तन; अंतरराज्यीय बसों (ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल के अलावा) को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकना और निजी परिवहन के उपयोग को कम करने के लिए पार्किंग फीस में वृद्धि करना।
दिवाली से पहले आखिर क्यों दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा?
इस साल दिल्ली की आबोहवा खराब करने के पीछे एक बार फिर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में अब तक पराली जलाने की 67 घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं, हरियाणा में अभी तक 38 बार पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का कारण परिवहन क्षेत्र पर बढ़ता दबाव भी है। लगभग 15.6 फीसदी वाहनों से निकलने वाला धुआं, धूल और औद्योगिक कार्बन मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीला बना रहे हैं। साथ ही दिवाली से पहले चलने वाले निर्माण कार्यों की धूल और कूड़ा जलाने जैसी गतिविधियां भी हवा को प्रदूषित करने में अपना योगदान दिया है।