Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ऐसी स्थिति में उलझ गयी है जब उसकी सियासत आक्रामक होने के बजाए नकारात्मक नजर आने लगी है। आप की उपलब्धियों को ‘रेवड़ी’ बताने के सिवाय बीजेपी के पास कोई आक्रमण नहीं है। जबकि आप ने ‘रेवड़ी’ को धारण कर लिया है और वह ‘8 फरवरी 8 रेवड़ी’ के नारे के साथ चुनाव मैदान में कूद पड़ी है। आम आदमी पार्टी की सरकार की उपलब्धियों को भी आक्रामक तरीके से प्रचारित करने और पेश करने पर भी पार्टी का फोकस दिख रहा है। Delhi Assembly Election की घोषणा से पहले और घोषणा के बाद ‘आप’ की रणनीति में ये फर्क साफ देखा जा सकता है।
‘शीशमहल’ के जवाब में ‘राजमहल’
चुनाव की घोषणा के तत्काल बाद जो रणनीति आम आदमी पार्टी ने दिखलाई है वह है बीजेपी के आक्रमण पर बड़ा और कड़ा जवाबी आक्रमण। पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘शीशमहल’ को मुद्दा बनाया तो यह मुद्दा ‘राजमहल’ बनकर बीजेपी पर ही टूट पड़ा है। ‘हम सीएम हाऊस दिखाएंगे तुम पीएम हाऊस दिखाओ’ नारे ने मानो बाजी ही पलट दी है।
दिल्ली में AAP की काउंटर नैरेटिव रणनीति
बीजेपी ने नैरेटिव देने की कोशिश की है कि गरीबों को पक्का मकान दिलाने का काम मोदी सरकार कर रही है। दिल्ली में भी उसकी सरकार बनी तो आम लोगों को फायदा होगा। ‘जहां झोपड़ी वहीं मकान’ का नारा बुलन्द करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1486 मकानों की चाबी सौंपने का भव्य आयोजन किया, विज्ञापन दिए और दिल्ली के 20 लाख झुग्गी-झोपड़ी वालों को सपना दिखाने की कोशिश की। आम आदमी पार्टी ने काउंटर नैरेटिव गढ़कर 2022 तक सबको पक्का मकान दिलाने के वादे की याद दिलाई। कहा कि जब दस साल में 4700 मकान ही दे सके, तो 5 लाख झुग्गियों को पक्का मकान बनाने में सौ साल लग जाएंगे।
BJP के लिए ‘विधूड़ी’ बने चुनौती
बीजेपी नेता रमेश विधूड़ी ने आतिशी और प्रियंका गांधी के लिए अभद्र टिप्पणी किया। इसके बाद प्रियंका गांधी तो चुप रही, मगर आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर आंसुओं के साथ संवाद करते हुए बीजेपी को करारा जवाब दिया। हालात ये हो गये कि रमेश विधूड़ी ही नहीं, बीजेपी बैकफुट पर आ गई। महिलाओं के अपमान से जुड़ा यह मुद्दा अब बीजेपी पर हमला करने के लिए आम आदमी पार्टी के पास हथियार बन चुका है। चर्चा चलने लगी है कि बीजेपी को आतिशी के खिलाफ रमेश विधूड़ी को मैदान से हटाना भी पड़ सकता है।
‘8 फरवरी 8 रेवड़ी’ की नई पैकेजिंग
दिल्ली में चुनाव की घोषणा से पहले अरविन्द केजरीवाल लगातार घोषणाएं कर रहे थे। ये घोषणाएं दिल्लीवालों को उनकी जिन्दगी में सहूलियत देने का जज्बा दिखाते हुए की जा रही थीं। अब चुनाव की घोषणा के बाद आक्रामक तरीके से आम आदमी पार्टी ने ‘रेवड़ी’ की पैकेजिंग कर डाली है। ‘8 फरवरी 8 रेवड़ी’ नाम से इस पैकेजिंग का डंका पीटा जा रहा है। इनमें शामिल हैं फ्री शिक्षा, फ्री इलाज, फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री तीर्थ यात्रा, महिलाओं को फ्री बस यात्रा, हर महिला को हर महीने 2100 रुपये, संजीवनी योजना के तहत 60 साल से ज्यादा बुजुर्गों को सरकारी या प्रावेट, हर अस्पताल में अनलिमिटेड मुफ्त इलाज। नारा वही है- फिर लाएंगे केजरीवाल।
AAP की सधी रणनीति
आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव के लिए सधी रणनीति अपना ली है। रेवड़ी और फ्री बीज जैसे शब्दों से बीजेपी जितने हमले बोल रही है और उनके हमलों को जितना ज्यादा जोर-शोर से उठाया जा रहा है, आप को उतना ही फायदा हो रहा है। पार्टी ने ‘रेवड़ी’ शब्द को मानो अपने सीने से चिपका लिया है। हम जनता को जनता का पैसा देते रहेंगे, बांटने से बरकत होती है, बुजुर्गों का आशीर्वाद हम लेते रहेंगे, महिलाओं का सम्मान करते रहेंगे, जैसी बोलचाल की भाषा में अरविन्द केजरीवाल ने जनता से संवाद स्थापित किया है। बीजेपी इस किस्म के प्रचार से और ज्यादा नकारात्मक प्रचार करती है और यह सिलसिला आम आदमी पार्टी को खूब भा रहा है।
‘मोदी बनाम केजरीवाल’ की लड़ाई के क्या है मायने?
बीजेपी नरेंद्र मोदी के रूप में अपना सबसे तेजस्वी चेहरा दिल्ली चुनाव में उतार लाई है। इस कदम ने दिल्ली की पूरी लड़ाई ही केजरीवाल बनाम मोदी की लड़ाई में बदल दिया है। ‘आप’ पूछ रही है कि बीजेपी का चेहरा कौन है? यानी वही सवाल जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी विपक्षी दलों से पूछ रही थी। क्या मोदी बनेंगे दिल्ली का सीएम? यह सवाल टीवी डिबेट्स में बीजेपी नेताओं से पूछते हुए सुना जा सकता है। जाहिर है कि बीजेपी ने अघोषित रूप से यह मान लिया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व पर पार्टी को भरोसा नहीं है। यह मुद्दा भी बीजेपी को उल्टा पड़ता दिख रहा है। आप ने इसके अलावा बीजेपी द्वारा घुसपैठ और रोहिंग्या का मुद्दा उठाने को नकारात्मक बताया है। आम आदमी पार्टी ने तुष्टिकरण का आरोप भी लगाया है।
‘चुनावी गारंटी’ से पहले बीजेपी पर ‘आप’ का प्रहार!
‘आप’ का कहना है कि बीजेपी के लिए अब भी वक्त है। उनका चुनावी गारंटी आने वाली है। सकारात्मक रहते हुए दिल्ली के भले के लिए क्या कुछ कर सकते हैं इस पर बीजेपी को लौटना होगा। चुनाव आयोग ने आम बजट में दिल्ली के लिए घोषणा पर रोक लगा दी है। लेकिन यह भी बीजेपी को बैक फायर करने वाला है। ऐसे में आम जनता की सोच यही होगी कि बीजेपी चुनाव जीतने वाली नहीं है लिहाजा आम बजट में वास्तविक घोषणा से बच रही है। चुनावी घोषणा के जरिए वह बस औपचारिकता पूरी कर रही है। बीजेपी के लिए मुश्किल घड़ी है।