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Delhi Mumbai Expressway: क्या होती है ग्रीन टेक्नोलॉजी, जो दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को बनाएगी सबसे खास? जानें कैसे लोगों को मिलेगा फयदा!

Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। जानिए क्या होती है ग्रीन टेक्नोलॉजी, जो दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को बनाएगी सबसे खास?

Delhi Mumbai Expressway
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Delhi Mumbai Expressway: देश की राजधानी और मायानगरी यानी मुंबई को जोड़ने वाले दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर काफी तेजी से काम चल रहा है। हालिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें, तो बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में काफी लोगों को यह नहीं पता है कि एक्सप्रेसवे पर ग्रीन टेक्नोलॉजी का किस तरह से यूज किया जाएगा। आपकी जानकारी में इजाफा करने के लिए बता दें कि इस एक्सप्रेसवे को ग्रीन टेक्नोलॉजी के साथ काफी बेहतरीन ढंग से बनाया जाएगा। वहीं, माना जा रहा है कि ग्रीन टेक्नोलॉजी के जरिए लोगों को भी कई तरह से फायदे होंगे।

Delhi Mumbai Expressway पर इस्तेमाल होगी ग्रीन टेक्नोलॉजी

बताया जा रहा है कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर 20 लाख पेड़ों को लगाया जाएगा। ऐसा होने के बाद एक्सप्रेसवे पर होने वाले प्रदूषण में काफी कमी देखी जा सकती है। इस सिस्टम के जरिए पूरे मार्ग पर ड्रिप सिंचाई तकनीक को अपनाया जाएगा। ऐसे में बारिश के पानी को आसानी से बचाया जा सकेगा।

साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे पर थोड़े-थोड़े अंतराल पर सोलर सिस्टम को लगाया जाएगा। इसके जरिए ही पूरे रास्ते की रोशनी का इंतजाम किया जाएगा। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के एक हिस्से को इलेक्ट्रिक लेन के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस लेन को ई-हाइवे बताया जा रहा है। इस पर इलेक्ट्रिक बसें और ट्रक चलाने की योजना पर काम चल रहा है। इस एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे।

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर लोगों को मिलेंगे कई फायदें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Delhi Mumbai Expressway की निर्माण लागत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सफर करने वालों को कई लाभ दिए जाएंगे। एक्सप्रेसवे के करीब रिटेल स्टोर्स, फूड कोर्ट, एटीएम और कई शॉपिंग की दुकानें खोली जाएंगी। वहीं, एक्सप्रेसवे पर अगर किसी के साथ हादसा हो जाता है, तो उस स्थिति से निपटने के लिए हर 100 किलोमीटर पर ट्रॉमा सेंटर का निर्माण किया जाएगा।

वहीं, इस एक्सप्रेसवे पर हर 50 किलोमीटर के बाद एक्सप्रेसवे में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स तैयार किए जाएंगे। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1350 किलोमीटर बताई जा रही है। ऐसे में दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। साथ ही दोनों बड़े शहरों के बीच सड़क कनेक्टविटी काफी बेहतर हो जाएगी। वहीं, इसके पूरी तरह से खुलने की संभावित तिथि अक्टूबर 2025 बताई जा रही है। मगर अभी तक इस संबंध में कुछ भी औपचारिक नहीं हुआ है।

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