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Anurag Dhanda: महिलाओं के हक की आवाज बुलंद कर रहे आप नेता! सरकार को कटघरे में खड़ा कर दाग रहे सवाल

आप नेता Anurag Dhanda महिलाओं के हक की आवाज उठाते हुए नजर आते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने लाडो योजना की पहली किस्त का इंतजार कर रही महिलाओं के हक की आवाज उठाने का वादा किया है।

Anurag Dhanda
Picture Credit: गूगल (आप नेता अनुराग ढांडा - सांकेतिक तस्वीर)

Anurag Dhanda: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढ़ांडा इन दिनों प्रदूषण पर मुखरता से बोलने के साथ महिलाओं के हक की आवाज भी उठा रहे हैं। इसी कड़ी में आप नेता ने लाडो लक्ष्मी योजना को लेकर हरियाणा सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। अनुराग ढ़ांडा ने हरियाणा सरकार से लाडो लक्ष्मी योजना की पहली किस्त के संदर्भ में गंभीर सवाल पूछे थे। हरियाणा की सत्ता से सवाल पूछते हुए अनुराग ढ़ांडा ने आरोप लगाया है कि सरकार ने महज 1.4 करोड़ महिलाओं में से महज 3.73 फीसदी महिलाओं के खाते में योजान की किस्त जारी की है जो छलावा मात्र है। अनुराग ढ़ांडा ने महिलाओं को आश्वस्त किया है कि वे उनके हक की आवाज तब तक उठाते रहेंगे, जब तक सत्ता के कानों तक गूंज ना पहुंचे।

महिलाओं के हक की आवाज बुलंद कर रहे Anurag Dhanda!

प्रदूषण से लेकर अन्य तमाम आवश्यक मसलों पर मुखरता से अपना पक्ष रखने वाले अनुराग ढ़ांडा महिलाओं के हक की आवाज भी बखूबी उठाते हैं। इसका उदाहरण हरियाणा में देखने को मिला जब लाडो लक्ष्मी योजना की पहली किस्त को लेकर सवाल उठाए गए थे। अनुराग ढ़ांडा ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदेश की 1.4 करोड़ महिलाओं में से महज 3.73 प्रतिशत लाभार्थियों के खाते में किस्त जारी होने का आरोप लगाया है। शेष लाभार्थियों के हक की आवाज उठाते हुए अनुराग ढ़ांडा ने कहा है कि सरकार को जवाब देना चाहिए और सभी महिलाओं के खाते में 2100 रुपए की किस्त जारी कर उन्हें सशक्त करना चाहिए।

आप नेता ने सरकार पर साधा निशाना

अनुराग ढ़ांडा ने इस लाडो लक्ष्मी योजना की पहली किस्त जारी होने के बाद हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया। आप नेता का साफ कहना है कि महिलाओं की तकलीफ से सरकार का कोई वास्ता नहीं। उन्हें बस प्रचार की चिंता है। आम महिलाओं के लिए इनके पास न नीयत है, न नीति और न ही इच्छा। अनुराग ढ़ांडा ने उन तमाम महिलाओं के हक की आवाज उठाने का वादा किया है जो लाडो योजना की पहली किस्त का इंतजार कर रहे थे और उनके हाथ निराशा लगी। अनुराग ढ़ांडा का ये संकल्प दर्शाता है कि वे किस हद तक जनहित को तवज्जो देते हुए लोगों की चिंता करते हैं।

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