Murshidabad Violence: राहत शिविर में बच्चों के चहल-पहल से माहौल थोड़ा-थोड़ा बदला नजर आया। यहां बात उस राहत शिविर की हो रही है, जहां मुर्शिदाबाद वायलेंस के कारण अपना घर छोड़कर भागे सैकड़ों हिंदू परिवार ठहरे हैं। मुर्शिदाबाद हिंसा के कारण हिंसा प्रभावित इलाके से सैकड़ों लोग पलायन कर चुके हैं। उनके मन में अब भी वहीं हिंसा के आग की तस्वीर आ रही है। ममता बनर्जी सरकार लगातार स्थिति सामान्य होने की दुहाई देकर लोगों से घर लौटनी की अपील कर रही है। हालांकि, उन मन से भय नहीं निकल रहा। आज बंगाल नबो वर्षो पर हिंदू परिवार राहत शिविर में हैं। Murshidabad Violence की आग ने इन परिवारों के सुख-चैन को भी झोंक दिया और उनके मन में एक अजीब सा शून्य पैदा हो चुका है। BJP नेता अमित मालवीय ने राहत शिविर में उपस्थित लोगों का एक वीडियो जारी किया है जिसे देख आंखे भीग जाएंगी।
Murshidabad Violence के कारण बेघर हुए सैकड़ों हिंदू परिवारों का नबो वर्षो!
अमित मालवीय ने राहत शिविर में रहने वाले सैकड़ों बंगाली परिवारों का वीडियो जारी किया है। वीडियो में नजर आ रहे सभी हिंदू परिवार मुर्शिदाबाद वायलेंस की चपेट में आने से प्रभावित हुए हैं। अमित मालवीय लिखते हैं कि “आज बंगाल में नववर्ष मनाया जा रहा है। वहीं मुर्शिदाबाद में 400 से ज़्यादा हिंदू परिवार पलायन का शिकार बन गए हैं। उन्हें बेघर होकर शोक में डूबे हुए और अपने बच्चों और प्रियजनों के साथ नया साल बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उनका एकमात्र अपराध यह है कि वे ममता बनर्जी के बंगाल में हिंदू हैं। एक ऐसी जगह जहां चुनिंदा धर्मनिरपेक्षता का बोलबाला है और तुष्टिकरण न्याय को रौंदता है। लेकिन क्या ममता बनर्जी या उनके टीएमसी समर्थक उनकी दुर्दशा देख सकते हैं?”
राज्य में बीते दिनों हुई Murshidabad Violence का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि “जब ये बच्चे अपने घरों के लिए रो रहे हैं, टीएमसी मंत्री, कोलकाता के मेयर और ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी फिरहाद हकीम बेशर्मी से पलायन को कमतर आंक रहे हैं। ये मासूम चेहरे सिर्फ़ नफरत के शरणार्थी नहीं हैं। ये आईने हैं जो दर्शाते हैं कि Mamta Banerjee की निगाहों के नीचे हमारा सोनार बांग्ला कैसे सोनत्रशर बांग्ला में बदल गया है। यहां जिहादी डराने-धमकाने और अनियंत्रित क्रूरता के ज़रिए हिंदुओं को अल्पसंख्यक बना देते हैं। जहां बंगाल की आत्मा को व्यवस्थित रूप से टुकड़े-टुकड़े करके नष्ट किया जा रहा है, जबकि हम आज नबो वर्षो का स्वागत करते हैं।” Murshidabad Violence के कारण पलायन को मजबूर हुए इन हिंदू परिवारों की गाथा लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है।
सैकड़ों हिंदू परिवारों के बीच मुर्शिदाबाद वायलेंस का खौफ!
फ्लैशबैक में जाइए और 10 अप्रैल की हेडलाइन्स पर गौर कीजिए। कैसे वक्फ बिल के खिलाफ सड़क पर उतरी भीड़ ने हिंसा को अंजाम दिया। मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल के खिलाफ सड़क पर उतरी भीड़ की चपेट में आने से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति बनाने वाले पिता-पुत्र मारे गए। फिलहाल, प्रशासन के अनुसार स्थिति नियंत्रण में है। केन्द्रीय सुरक्षा बलों के साथ राज्य पुलिस भी मौके पर तैनात है और लोगों से शांति-सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रही है। सीएम ममता बनर्जी के निर्देशानुसार प्रशासन लगातार Murshidabad Violence की आग बुझाने और लोगों को घर लौटाने में जुटा है।