India-China Relations: दुनिया में हो रही तमाम उठापटक के बीच इंडिया-चीन रिलेशन्स में भी खटक सामने आई है। चीन के नए काउंटी बनाए जाने और जलविद्युत परियोजना को लेकर भारत सरकार ने पड़ोसी देश के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने New Counties पर गंभीर विरोध दर्ज कराते हुए बड़ी बात कह दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने India-China Relations को मद्देनजर रखते हुए कहा है कि “नई काउंटियों के निर्माण से न तो क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के संबंध में और न ही भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा।”
India-China Relations को मद्देनजर रखते हुए विदेश मंत्रालय का अहम पक्ष!
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन के होटन प्रान्त में दो नई काउंटियों की स्थापना पर अपना पक्ष रखा है। इंडिया-चीन रिलेशन्स को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने कहा है कि “इन तथाकथित काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के अंतर्गत आते हैं। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हमने भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नई काउंटियों के निर्माण से न तो क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के संबंध में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा। हमने राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ गंभीर विरोध दर्ज कराया है।”
भारत ने चीनी जलविद्युत परियोजना को लेकर व्यक्त की चिंता!
रणधीर जायसवाल ने India-China Relations से इतर चीनी जलविद्युत परियोजना को लेकर कहा है कि “हमने चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग त्संगपो नदी पर एक जलविद्युत परियोजना के संबंध में 25 दिसंबर 2024 को सिन्हुआ द्वारा जारी की गई जानकारी देखी है। स्थापित उपयोगकर्ता अधिकारों के साथ एक निचले तटवर्ती राज्य के रूप में नदी के जल के संबंध में, हमने विशेषज्ञ स्तर के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से अपने विचार और चिंताएं व्यक्त की हैं। डाउनस्ट्रीम देशों के साथ पारदर्शिता और परामर्श की आवश्यकता को दोहराया गया है। चीनी पक्ष से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अपस्ट्रीम क्षेत्रों में गतिविधियों से ब्रह्मपुत्र के डाउनस्ट्रीम राज्यों के हितों को नुकसान न हो और हमारे देश हितों की रक्षा के लिए निगरानी करें और आवश्यक उपाय करें।”