JPC Meeting on Waqf Act: राजधानी दिल्ली में आज वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी की बैठक में सांसदों के बीच नोकझोंक हो गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि अत में मार्शल बुलाए गए। इस पूरे प्रकरण में विपक्षी सांसदों ने JPC प्रमुख जगदंबिका पाल के रुख पर सवाल खड़े किए हैं। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा है कि “यह एक अघोषित आपातकाल की तरह चल रहा है। अध्यक्ष इसको आगे बढ़ा रहे हैं और वह किसी की नहीं सुनते। वे सोचते हैं कि वे डिप्टी पीएम और डिप्टी होम मिनिस्टर हैं। यह पूरी तरह से एक तमाशा है।” वहीं BJP सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार करते हुए कहा कि “विपक्ष बहुमत की अधिकतम संख्या की आवाज का गला घोंटना चाहता है।”
JPC Meeting on Waqf Act अध्यक्ष के रवैये पर विपक्षी सांसद ने उठाए सवाल
टीएम सांसद कल्याण बनर्जी ने वक्फ एक्ट पर बनी JPC की बैठक में अध्यक्ष के रवैये पर सवाल खड़ा किया है। टीएमसी सांसद का कहना है कि “यह एक अघोषित आपातकाल की तरह चल रहा है। अध्यक्ष बैठक को आगे बढ़ा रहे हैं और वह किसी की नहीं सुनते। वे सोचते हैं कि वे डिप्टी पीएम और डिप्टी होम मिनिस्टर हैं। यह पूरी तरह से एक तमाशा है। हमें बताया गया कि 24 और 25 जनवरी को बैठक होगी। अब, आज की बैठक के लिए एजेंडा है खंड दर खंड, चर्चा में परिवर्तन किया गया है।”
बता दें कि Waqf Act के लिए JPC Meeting में हुई नोकझोंक के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही बैठक 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सस्पेंड किए सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।
विपक्ष के आरोपों पर BJP का पलटवार
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कल्याण बनर्जी के आरोप और Waqf Act को लेकर JPC Meeting पर अपना पक्ष रखा है। निशिकांत दुबे का कहना है कि “यह विपक्ष के लोगों की सोच है। खासकर औवेसी की, कि हमने जम्मू-कश्मीर का पूरा प्रतिनिधित्व नहीं सुना और मीरवाइज उमर फारूक को बुला लिया। उन्हें सुनने के लिए जेपीसी अध्यक्ष ने क्लॉज दर क्लॉज चर्चा करने के लिए बैठक स्थगित कर दी। आज विपक्ष की सोच उजागर हो गई है और मीरवाइज के सामने उन्होंने हंगामा और दुर्व्यवहार किया। यह संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है। निर्धारित बैठक के दौरान आज और कल क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा करने के लिए 27 या 28 जनवरी को एक और मीचिंग होती। 27 जनवरी के लिए एक बैठक पहले से ही निर्धारित थी। विपक्ष बहुमत की अधिकतम संख्या की आवाज का गला घोंटना चाहता है।”
निशिकांत दुबे ने स्पष्ट किया कि “27 जनवरी को एक बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया गया है। 29 जनवरी को हम अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेंगे। जब भी मैंने जेपीसी में बोलने के लिए माइक उठाया है, विपक्ष ने हमेशा मेरी आवाज दबाने की कोशिश की है।”