Justice BR Gavai: मौजूदा समय में न्यायपालिका को लेकर उठते तमाम सवालों के बीच जस्टिस बीआर गवई नए CJI के रूप में शपथ लेंगे। शपथ लेने से पूर्व ही बार एंड बेंच को दिए एक साक्षात्कार में नए सीजेआई बीआर गवई ने करप्शन से लेकर कॉलेजियम सिस्टम तक पर मुखरता से अपनी बात रखी है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा प्रकरण के बाद तमाम सवालों में घिरी न्यायपालिका पर भी नए सीजेआई ने कड़ी नसीहत दी है। Justice BR Gavai ने साफ तौर पर कहा है कि न्यायपालिका की विश्वसनीयता को बनाए रखना होगा। इसके लिए जो भी करना होगा, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिश के रूप मैं वो करने को तत्पर रहूंगा। बता दें कि सीजेआई के रूप में जस्टिस बीआर गवई का कार्यकाल 14 मई से शुरू होकर 23 नवंबर 2025 तक रहेगा।
करप्शन पर Justice BR Gavai की दो टूक!
साफ तौर पर भ्रष्टाचारियों को संदेश देते हुए जस्टिस बीआर गवई ने करप्शन पर अपना पक्ष रखा है। नए सीजेआई ने शपथ से पहले बार एंड बेंच को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि “न्यायपालिका की विश्वसनीयता को बनाए रखना होगा। आपको हर जगह काली भेड़ें मिलेंगी। यहां, अगर आप ऐसे न्यायाधीशों के प्रतिशत पर विचार करें, तो उनकी संख्या नगण्य है। हालांकि, उस संख्या को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि लोग अंतिम उपाय के रूप में अदालत जाते हैं। लोगों को हम पर बहुत भरोसा है। जब किसी व्यक्ति को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो वह बहुत ईमानदार होगा, लेकिन बाद में यह बदल सकता है।” Justice BR Gavai ने निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पहल को लेकर भी सराहना की है और कहा है कि आगे भी भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी जाती रहेगी।
बीआर गवई ने साफ तौर स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।
Collegium सिस्टम पर बड़ी बात बोल गए नए CJI जस्टिस बीआर गवई
नए सीजेआई ने बगैर किसी लाग-लपेट कॉलेजियम सिस्टम पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पहल को आगे बढ़ाने का जिक्र करते हुए कहा है कि “न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का धन्यवाद, जिन्होंने उम्मीदवारों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू की। इससे हमें उम्मीदवारों के बारे में और अधिक जानकारी मिल पाती है। कॉलेजियम ने जिनकी सिफारिश की है, और वे यदि मानक के अनुरूप नहीं पाए गए तो हम इसका पता लगा लेते हैं। हमारे पास उच्च न्यायालय कॉलेजियम से इनपुट हैं। हमारे पास आईबी और सरकार से भी इनपुट हैं। अगर इस तरह की जांच के बाद कोई ऐसा व्यक्ति सामने आता है जो योग्य नहीं है, तो आप उसकी मदद नहीं कर सकते।”
सीजेआई के रूप में शपथ लेने वाले Justice BR Gavai ने ये भी कहा है कि “अगर एक आईएएस अधिकारी का बेटा आईएएस अधिकारी बन सकता है, एक राजनेता का बेटा राजनीति में बना रह सकता है, तो यहां क्यों नहीं? योग्यता के मामले में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। अगर किसी को सिर्फ इसलिए पदोन्नत किया गया है क्योंकि वह किसी का सगा-संबंधी है, तो यह आपत्तिजनक होगा। लेकिन अगर कोई वाकई अच्छा है, तो आप उसे सिर्फ इसलिए अयोग्य नहीं ठहरा सकते क्योंकि वह किसी से संबंधित है।”