Kasim Ansari: लोकसभा में भारी विरोध के बीच वक्फ बिल पास हो चुका है, लेकिन बिल पास होते ही बिहार की राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है, दरअसल JDU यानि Janta Dal United ने इस बिल का समर्थन किया था, लेकिन अब उनकी पार्टी में ही बगावत शुरू हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता Kasim Ansari ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं अब पार्टी छोड़ने के बाद अंसारी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इसका बिहार की राजनीति और आने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा और क्या इससे जेडीयू को नुकसान हो सकता है।
JDU से इस्तीफे के बाद क्या बोले वरिष्ठ नेता Kasim Ansari?
वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख को लेकर जेडी(यू) से इस्तीफा देने पर मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा कि “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने ‘पसमांदा’ के बारे में बात की और विधेयक की खूबियां गिनाईं, लेकिन उन्होंने कभी नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया। उन्होंने केवल नरेंद्र मोदी, अमित शाह और किरेन रिजिजू का जिक्र किया।
वह मुसलमानों, खासकर पसमांदा मुसलमानों के बीच गलत धारणा फैला रहे थे कि विधेयक उनके पक्ष में है। इससे मुसलमानों को ठेस पहुंची है। इसलिए, मैंने रातों-रात अपना इस्तीफा पत्र तैयार किया और आज मीडिया के साथ-साथ संबंधित लोगों के साथ साझा किया”।
कासिम अंसारी के इस्तीफे के बाद क्या बोले सांसद Pappu Yadav
पार्टी के आधिकारिक रुख को लेकर जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी के पार्टी से इस्तीफे पर लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने कहा, “उन्होंने जो कहा वह सही है। चंद्रबाबू नायडू को देखिए। वह इफ्तार और ईद में भाग लेते हैं। आपको अल्पसंख्यकों से वोट मिलते हैं, आप धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं। और जब भी कोई मुद्दा आता है,
तो ‘बटोगे तो काटोगे’ जैसे मुद्दों पर आप चुप रहते हैं। मुझे लगता है कि यह जेडी(यू) के ‘विभीषण’ के लिए अच्छा है, जो 90% भाजपा के साथ हैं। लेकिन यह निर्णय जेडी(यू) के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू के लिए भी आत्मघाती है। मुझे लगता है कि यह क्षम्य नहीं है।”
Kasim Ansari के इस्तीफे के बाद क्या बिहार की राजनीति पर आएगा भूचाल
बता दें कि Kasim Ansari के इस्तीफे के बाद अब कई तरह के कयास लगाए जा रहा है, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार की राजनीति पर इसका असर पड़ने वाला है, क्योंकि जेडीयू को भी मुसलमानों का एक अच्छा खासा वोट बैंक माना जाता है, वहीं अब उम्मीद जताई जा रही है, कि जेडीयू द्वारा वक्फ बिल के समर्थन के बाद उनका मुसलमान वोट बैंक नाराज हो सकता है, हालांकि इसके लिए थोड़ा सा इंतजार करना होगा।