S Jaishankar: फटकार भरे अंदाज में पाकिस्तान को लताड़ते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरपना पक्ष रखा है। भारत-पाकिस्तान के मध्य जारी तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को PoK छोड़ने की सख्त हिदायत दी है। एस जयशंकर ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की बातों को लगभग दोहराते हुए कहा है कि कश्मीर पर चर्चा के लिए एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है। इसके बाद भारत उस पर चर्चा के लिए तैयार है। विदेश मंत्री S Jaishankar ने पाकिस्तान के साथ ही अमेरिका को खास संदेश देते हुए व्यापार वार्ता पर अपना पक्ष रखा है।
India Pakistan तकरार के बीच विदेश मंत्री S Jaishankar की दो टूक
एएनआई से बात करते हुए एस जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि “सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता। कश्मीर पर चर्चा के लिए एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है। हम उस चर्चा के लिए तैयार हैं।”
मुखरता के साथ विदेश मंत्री S Jaishankar ने कहा है कि “पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे। यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी। पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसे सौंपे जाने की आवश्यकता है और उन्हें आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। वे जानते हैं कि क्या करना है। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं।”
पाकिस्तान के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को भी दिया जवाब
सोशल मीडिया पर कहीं डोनाल्ड ट्रंप का बयान सुर्खियों में हैं, तो कहीं अमेरिकी सरकार में शामिल जेडी वेंस, मार्को रुबियो व अन्य के बयान। जहां-तहां अमेरिकी सरकार व्यापार को लेकर तमाम तरह की बातें कर रही हैं। इसी बीच विदेश मंत्री S Jaishankar ने कहा है कि “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए। इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय लेना जल्दबाजी होगी।” एस जयशंकर ने साफ कर दिया है कि फैसला चाहें जो भी हो, दोनों देश के लिए कारगर होना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि “हमें में बहुत सारा अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिला। हमारे पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से उन्हें जवाबदेह ठहराया गया।” विदेश मंत्री द्वारा कही गई बातें पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी अहम संदेश हैं।