LOC Firing: गोलियों की गूंज, सैनिकों की आवाजाही और गश्त का दौर तेज हो गया है। ये हाल है भारत-पाकिस्तान के बीच एक सैन्य नियंत्रण रेखा (LOC) की। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के नापाक मंसूबों से दुनिया दो-चार हो उठी है। शिमला समझौता को लेकर उलुल-जुलूल बयानबाजी हो, या LOC फायरिंग, ये पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को दर्शाता है। स्थिति ये है कि बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। इधर श्रीनगर में लगातार भारतीय सैन्य अधिकारी पहुंच रहे हैं, तो पाकिस्तान में भी अंदरखाने हलचल तेज है। सवाल है कि क्या एलओसी फायरिंग को अंजाम देकर Pakistan इकॉनमी वॉर के लिए तैयार है? इकॉनमी युद्ध हम क्यों कह रहे हैं इसके बारे में आंकड़े पेश करते हुए सब कुछ विस्तार से बताएंगे।
LOC Firing गोलीबारी के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव!
हलचल तेज है और अंदरखाने भारत-पाक के बीच जंग के ऐलान को लेकर कई तरह की कयासबाजी चल रही है। ऐसा किस आधार पर कहा जा रहा है या जानना भी दिलचस्प है। दरअसल, पहलगाम हमले के बाद LOC पर पाकिस्तान ने अपने नापाक मंसूबे पेश करते हुए छोटे हथियारों से गोलीबारी की है। एलओसी फायरिंग के बाद तनाव की स्थिति है। सेना प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी श्रीनगर पहुंच गए हैं और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी पहलुओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। LOC Firing के बाद भारत ने भी पड़ोसी मुल्क को माकूल जवाब दिया है और बदले में गोलीबारी की है। दावा किया जा रहा है कि India-Pakistan के बीच तनाव का ये दौर बढ़ सकता है। फिलहाल सबकी निगाहें जम्मू-कश्मीर में जारी सैन्य गतिविधियों पर टिकी हैं।
पहलगाम हमले के बाद क्या Pakistan इकॉनमी युद्ध के लिए है तैयार?
ये बड़ा सवाल है और इसका पुख्ता जवाब भविष्य के गर्भ में है। आप बस इतना समझिए कि 2024 तक प्रति व्यक्ति आय के मामले में पाकिस्तान की स्थिति आईएमएफ के अनुसार जीडीपी के हिसाब से 161वीं और जीडीपी (पीपीपी) के हिसाब से 138वीं है। सैन्य बजट के लेकर भी Pakistan तंगी की मार झेल रहा है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से पाकिस्तान की हालत खस्ता है। ऐसे में LOC Firing को अंजाम देना खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। यदि पाकिस्तान, खुलकर सामने आया तो आर्थिक तंग के साथ भूखमरी का दौर भी पाकिस्तानी आवाम देखेगी। परिणाम स्वरूप ये इकॉनमी वॉर का रूप ले सकता है और पाकिस्तान इस मामले में बुरी तरह से तहस-नहस हो सकता है।