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कृषि के साथ उद्योग जगत भी होगा ध्वस्त! Indus Water Treaty रद्द होने से ऐसे बढ़ेंगी Pakistan की मुश्किलें; खाने को पड़ सकते हैं लाले

अंदरखाने पाकिस्तान में हाहाकार की स्थिति है। Indus Water Treaty रद्द होने से पाकिस्तान की कृषि जगत के साथ उद्योग भी तहस-नहस हो सकता है। यही वजह है कि कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान पर खाने के लाले पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

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Indus Water Treaty
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Indus Water Treaty: कड़े व सख्त तेवर दिखाते हुए भारत ने पाकिस्तान को जबरदस्त पटखनी दी है। आतंक को पनाह देने वालों पर ठोस कार्रवाई हुए भारत की ओर से सिंधु जल संधि रद्द कर दी गई है। इंडस वॉटर ट्रेटी रद्द होने का असर ये है कि पाकिस्तान अंदरखाने त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे है। इस फैसला का दूरगामी परिणाम उसे बखूबी नजर आ रहा है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमला के बाद कैसे एक तीर से दो निशाना साधा है, वो देखने योग्य है। पहला आतंक पर चोट और दूजा पाकिस्तान को कंगाली व भूखमरी के मुहाने पर ढ़केलना भारत की सधी चाल का हिस्सा है। दावा किया जा रहा है कि Indus Water Treaty न सिर्फ कृषि, बल्कि पाकिस्तान के उद्योग जगत को भी तहस-नहस कर सकता है। स्थिति ये हो सकती है कि कंगाली की मार झेल रहे Pakistan को खाने के लाले पड़ सकते हैं।

Indus Water Treaty रद्द होने से ऐसे बढ़ेंगी Pakistan की मुश्किलें!

इसको ऐसे समझिए कि सिंधु जल संधि पड़ोसी मुल्क के लिए लाइफलाइन का काम करती थी। सरल भाषा में कहें तो पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों से कुल जल का लगभग 80 फीसदी प्राप्त होता है। अब जब भारत ने इंडस वॉटर ट्रेटी को निलंबित कर दिया है तो Pakistan की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। थोड़ा और आसानी से बताएं तो पाकिस्तान में खेती की 90 फीसदी जमीन पर फसलों की सिंचाई के लिए पानी सिंधु नदी से ही मिलता है। नेशनल इनकम में कृषि जगत की हिस्सेदारी लगभग 23 फीसदी है। 68 फीसदी ऐसे ग्रामीण भी हैं जिनकी जीविका कृषि जगत पर निर्भर है। ऐसे में Indus Water Treaty रद्द होने से फसलों के सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा और उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा। इसका परिणाम बेहाल अर्थव्यवस्था और बदतर के रूप में देखी जा सकती है।

इससे इतर पड़ोसी मुल्क के उद्योग जगत की बात करें तो इसके प्रभावित होने के आसार भी हैं। Indus Water Treaty रद्द होने से पाकिस्तान के मंगल और तारबेला हाइड्रोपावर डैम को पानी नहीं मिल पाएगा। इसका परिणाम ये होगा कि बिजली उत्पादन में 30 से 50 फीसदी तक की कमी आ सकती है। इसका पूरा असर Pakistan के औद्योगिक उत्पादन और रोजगार पर पड़ने के आसार हैं। स्थिति ये हो सकती है कि कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान में खाने के लाले पड़ सकते हैं।

भारत के सख्त कदम के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मचा हाहाकार!

ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है और इसे समझना इतना कठिन भी नहीं है कि कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में किसका हाथ था। फौरी तौर पर पाकिस्तानी हुक्मरान भले ही आतंकी हमले के बाद आना-कानी कर रहे हैं, लेकिन भारत ने Indus Water Treaty रद्द कर अपने ठोस कदम के संकेत दे दिए हैं। आलम ये है कि Pakistan में अंदरखाने हाहाकार की स्थिति है। पड़ोसी मुल्क बखूबी इस बात को समझता है कि 1971 और 1999 में बुरी तरह से मात दे चुका भारत यदि अपने कदम आगे बढ़ा देगा, तो पाकिस्तान के आस्तित्व पर संकट आ सकती है। यही वजह है कि इंडस वॉटर ट्रेटी, अटारी बॉर्डर व उच्चायोग को लेकर लिए फैसले के बाद पाकिस्तान में हाहाकार की स्थिति है।

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