Nitesh Rane: महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में ‘बुर्का पॉलिटिक्स’ की गूंज है। इसको लेकर छिड़ी चर्चा के बीच शिंदे गुट के एक नेता सुर्खियां बटोर रहे हैं। दरअसल, बुर्का पर छिड़ी जंग अब महायुति में दरार के संकेत दे रही है। मंत्री नितेश राणे के बयान पर शिवसेना (शिंदे गुट) नेता राजू वाघमारे ने इशारों-इशारों में पलटवार किया है। शिंदे गुट के नेता का कहना है कि “मुझे नहीं लगता कि परीक्षाओं के दौरान बुर्का को लेकर कोई समस्या होनी चाहिए। छात्रों और उनकी पढ़ाई को इससे दूर रखा जाए।” शिवसेना नेता का ये बयान मंत्री Nitesh Rane के साथ सीएम देवेन्द्र फडणवीस व महायुति के अन्य दिग्गजों के माथे पर शिकन लाता नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के सियासी गलिरों में अगले कुछ दिनों तक इसकी गूंज जारी रह सकती है। अब देखना होगा BJP कैसे इस चुनौती से पार पाती है।
मंत्री Nitesh Rane के बयान पर एकनाथ शिंदे गुट ने जताई आपत्ति
शिवसेना (शिंदे गुट) नेता राजू वाघमारे ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए BJP नेता व मंत्री नितेश राणे के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ”नितेश राणे ने जो कहा है, उसका आधा हिस्सा सही है। महायुति सरकार तुष्टीकरण की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करने वाली है। हालांकि, जब मतदान के लिए बुर्का की अनुमति है, तो मुझे नहीं लगता कि परीक्षाओं के दौरान इसे लेकर कोई समस्या होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि छात्रों और उनकी पढ़ाई के लिए किसी को इस तरह का बयान देना चाहिए।” राजू वाघमारे का ये बयान Nitesh Rane के लिए एक बड़े पलटवार के समान है।
नितेश राणे के बयान से मचा सियासी घमासान
‘बुर्का’ को लेकर मंत्री नितेश राणे द्वारा दिए बयान को लेकर सियासी गलियारों में घमासान छिड़ा है। Nitesh Rane ने एक पत्र लिखकर स्पष्ट किया था कि “महाराष्ट्र सरकार तुष्टीकरण की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेगी। जो नियम हिंदू छात्रों पर लागू होते हैं, वही मुस्लिम छात्रों पर भी लागू होने चाहिए। जो लोग बुर्का या हिजाब पहनना चाहते हैं वे इसे अपने घर में पहन सकते हैं, लेकिन परीक्षा केंद्रों पर, उन्हें अन्य छात्रों की तरह ही अपनी परीक्षा देनी चाहिए।”
चुनौती से कैसे पार पाएगी BJP?
बीजेपी के लिए नितेश राणे का बयान गले की हड्डी बन गया है। बीजेपी नेता द्वारा लिखे इस पत्र को लेकर महायुति में मतभेद झलक रहे हैं। शिवसेना शिंदे गुट के अलावा अजित पवार गुट के नेता भी Nitesh Rane के बयान को लेकर असमंजस की स्थिति मे हैं। यही वजह है कि बीजेपी के किसी बड़े नेता ने इस पर स्पष्टीकरण जारी करना मुनासिब नहीं समझा है। फिलहाल बीजेपी तटस्थ है और नितेश राणे के बयान को निजी बताने की रणनीति अपना सकती है। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं उपलब्ध है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यदि ‘बुर्का पॉलिटिक्स’ पर सियासी जंग छिड़ी तो पार्टी इस चुनौती से कैसे पार पाती है।