Mohammed Shami: होली पर प्रेम और सौहार्द में रंग क्या उड़े कि कईयों को खटक होने लगी। गैर हिंदू समुदाय से आने वाले क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बेटी ने भी होली पर रंग-गुलाल उड़ाकर कईयों को बोलने का मौका दे दिया है। मोहम्मद शमी की बेटी ने अपनी इच्छानुसार रंग खेला जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के कुछ मौलानाओं ने इस पर आपत्ति जताई। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तो इस्लामी कानून शरीयत तक का जिक्र कर दिया। Mohammed Shami की बेटी द्वारा होली खेलने पर मौलाना बरेलवी ने बड़ी बारीकी से कुछ अहम बाते कही हैं। इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने की कोशिश करेंगे।
Mohammed Shami की बेटी ने होली पर उड़ाए गुलाल, तो तिलमिला उठे मौलाना
तल्ख भाव में मौलाना बरेलवी ने मोहम्मद शमी की बेटी द्वारा होली खेलने पर इस्लामी कानून शरीयत का जिक्र किया है। एनडीटीवी इंडिया के एक्स हैंडल से जारी वीडियो में मौलाना बरेलवी कह रहे हैं कि “इस सिलसिले में शरीयत के दो पहलु हैं। यदि बच्ची नाबालिग, नासमझ है और उसने होली खेल ली तो उस पर इस्लामी कानून का कोई हुक्म लागू नहीं होता। यदि वो बच्ची बालिग, पढ़ी-लिखी या समझदार है और ये समझ कर खेला है कि होली गैर मुस्लिमों का मजहबी स्यार है तो फिर शरीयत की नजर में वो मुजरिम व गुनहगार है। इसले लिए उसे तौबा करना चाहिए।” क्रिकेटर Mohammed Shami की बेटी द्वारा होली खेलने पर मौलाना द्वारा ऐसे बिफरना और शरीयत का जिक्र करना कईयों को नहीं भा रहा है। सोशल मीडिया पर उस मासूम के कृत्य का बचाव करते हुए यूजर्स मौलाना की आलोचना भी कर रहे हैं।
कट्टरपंथियों के निशाने पर फिर आए मोहम्मद शमी
रोजा उपवास और पानी पीने से जुड़ा प्रकरण अभी चर्चाओं में ही था, तब तक क्रिकेटर मोहम्मद शमी एक बार फिर कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं। उनकी बेटी ने होली क्या खेल ली है कि उन पर सवालों के अंबार लगने शुरू हो गए हैं। कई ऐसे यूजर्स हैं जो मौलाना बरेलवी की तरह की शमी की बेटी पर सवाल उठाते हुए इसे इस्लामी कानून का उल्लंघन बता रहे हैं। बता दें कि चैंपियंस ट्राफी के दौरान भी रोजा का उपवास न रखने के कारण Mohammed Shami निशाने पर आए थे। मुस्लिम समुदाय के तमाम लोगों ने रोजा न रखने के कारण शमी की आलोचना की थी जिसके बाद सुर्खियों का बाजार गर्म हुआ था।