New Labour Laws: बीते शुक्रवार को केन्द्र की मोदी सरकार ने देश के श्रमिकों के लिए पांच साल पहले संसद से पारित चार लेबर कोड को लागू करने का ऐलान किया। इसके बाद, देश भर के मज़दूर संगठनों से कहीं खुशी तो कहीं विरोध की खबरें सामने आई हैं। इन मुद्दों पर बात करने से पहले, यह ध्यान देने वाली बात है कि चार नए लेबर कानून को लागू करने का मोदी सरकार का मुख्य मकसद श्रम कानूनों को आसान बनाना और मज़दूरों के लिए बेहतर वेतन, सुरक्षा, सोशल सिक्योरिटी और उनके भविष्य के कल्याण को सुनिश्चित करना है।
पीएम मोदी ने New Labour Laws के बारे में क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज, हमारी सरकार ने चार लेबर कोड लागू कर दिए हैं। यह आज़ादी के बाद मज़दूरों लिए सबसे बड़े और प्रगतिशील सुधारों में से एक है।”
पीएम मोदी ने एक्स पर आगे लिखा कि, “यह हमारे कामगारों को बहुत ताक़तवर बनाता है। इससे कम्प्लायंस भी काफ़ी आसान हो जाएगा और यह ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस‘ को बढ़ावा देने वाला है।”
नए श्रम कानूनों को लेकर श्रम मंत्री का बयान
वहीं, श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पर पोस्ट करते हुए कहा कि, ”मोदी सरकार की गारंटी: हर मजदूर के लिए सम्मान! आज से, देश में नए लेबर कोड लागू हो गए हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि, ”ये सुधार केवल आम बदलाव नहीं हैं, बल्कि वर्कफोर्स की भलाई के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उठाया गया एक बड़ा कदम है। ये नए लेबर सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक जरूरी कदम हैं और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को नई रफ़्तार देंगे।”
नए लेबर कानून के विरोध में ट्रेड यूनियनों
हालांकि, कई ट्रेड यूनियनों ने शनिवार को लागू किए गए ‘नए लेबर कानून’ की कड़ी आलोचना की है। इस श्रम कानून के ख़िलाफ़ अलग-अलग श्रमिक संगठनों ने 26 नवंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन का फ़ैसला भी किया है। इनमें एटक, एचएमएस, सीआईटीयू, इंटक, एआईसीसीटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एईडब्लूए, एलपीएफ़ और यूटीयूसी जैसे मज़दूर संगठनों ने ऐलान किया है कि वे 26 नवंबर के दिन नए लेबर कानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं, इन सबके बीच इस नए कानून को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज़ कसा है।
कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मौजूदा 29 श्रम-संबंधी क़ानूनों को फिर से पैक करके 4 कोड में बदल दिया गया है। इसे एक क्रांतिकारी सुधार की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि इनके नियम अभी तक नोटिफाइड भी नहीं हुए हैं।”
क्या नए लेबर कोड में बदल दिए गए 29 कानून?
सरकार की मानें तो नए लेबर कानून में कोड ऑन वेजेज 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020, और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड 2020 शामिल हैं। यह कदम 29 मौजूदा लेबर कानूनों को आसान बनाएगा और उन्हें मॉडर्न ग्लोबल ट्रेंड्स के साथ जोड़ेगा, जिससे पुराने कॉलोनियल-एरा सिस्टम से हटकर काम होगा। यह नया लेबर कानून लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर को भी बदलेगा।
नए लेबर कानून: टेक-होम सैलरी थोड़ा कम क्यों हो सकता है?
बता दें कि नए लेबर कानून के प्रभाव में आने के बाद अब कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। कम से कम 50% हिस्सा बेसिक सैलरी (मूल वेतन) होगा। यह नियम ‘कोड ऑन वेजेज’ के तहत लागू होंगे। जिसके तहत प्रोविडेंट फंड (पीएफ) और ग्रेच्युटी में जाने वाला पैसा सीधे तौर बढ़ता दिखेगा। कर्मचारियों के पीएफ और ग्रेच्युटी मूल वेतन के आधार पर गणना की जाती है। जब बेसिक सैलरी बढ़ती है, तो प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी में कर्मचारी और कंपनी दोनों का कंट्रीब्यूशन सीधे बढ़ेगा। इनसे कर्मचारी की रिटायरमेंट सेविंग्स तो बढ़ सकती है, लेकिन इतेफाक की बात है उनकी टेक-होम सैलरी थोड़ी कम हो सकती है।
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