Malegaon Blast Case: देश में जारी उठा-पटक का प्रमुख कारण मालेगांव ब्लास्ट केस में आया फैसला है। इस चर्चित प्रकरण में NIA कोर्ट ने सधी टिप्पणी करते हुए साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है जिसके बाद उनके चेहरे पर मुस्कान लौटी है। NIA कोर्ट जस्टिस लाहोटी ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। उन्होंने साफ किया है कि अदालत केवल धारणा और नैतिक सबूतों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती। इसके लिए ठोस सबूत होने चाहिए जो Malegaon Blast Case में नहीं है। यही वजह है कि सबूत को आधार बनाते हुए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
चर्चित Malegaon Blast Case में NIA कोर्ट की सधी टिप्पणी
कोर्ट ने सधी टिप्पणी करते हुए मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट का स्पष्ट कहना है कि “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा की वकालत नहीं कर सकता। अदालत केवल धारणा और नैतिक सबूतों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती; इसके लिए ठोस सबूत होने चाहिए।”
NIA कोर्ट ने इससे इतर सभी 6 पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और सभी घायल पीड़ितों को 50000 रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाने का आदेश जारी किया है।
मालेगांव ब्लास्ट केस का फैसला आते ही खिले साध्वी प्रज्ञा के चेहरे
लंबे समय से आरोप झेल रहीं साध्वी प्रज्ञा की प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी से सांसद रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने Malegaon Blast Case में फैसला आने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उनका कहना है कि “मैंने शुरू से ही कहा है कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उसके पीछे कोई आधार होना चाहिए। मुझे जांच के लिए बुलाया गया और गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी, लेकिन मुझे फंसा दिया गया और मुझ पर आरोप लगा दिया गया। कोई भी स्वेच्छा से हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। मैं जीवित हूं क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं। उन्होंने एक षड्यंत्र के तहत भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है, और जो दोषी हैं उन्हें भगवान सजा देंगे। हालांकि, जिन्होंने भारत और भगवा को बदनाम किया, वे आपके द्वारा गलत साबित नहीं हुए हैं।”
चर्चित मामला Malegaon Blast Case में एक अन्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित का कहना है कि “मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि आपने मुझे उसी दृढ़ विश्वास के साथ अपने देश और अपने संगठन की सेवा करने का मौका दिया। जैसा मैं इस मामले में फंसाए जाने से पहले कर रहा था। मैं इसके लिए किसी संगठन को दोष नहीं देता। जांच एजेंसियों जैसे संगठन गलत नहीं हैं, लेकिन संगठन के अंदर के लोग ही गलत हैं। मैं आपको व्यवस्था में आम आदमी का विश्वास फिर से बहाल करने के लिए धन्यवाद देता हूं।”
क्या है मालेगांव विस्फोट केस से जुड़ा पूरा प्रकरण?
अतीत के पन्ने पलटेंगे तो नासिक के मालेगांव में हुए इस विस्फोट से जुड़ा पूरा मामले समझ में आएगा। बात 29 सितंबर, 2008 की है। उस समय महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मालेगांव के भिक्खू चौक पर रात 9:35 मिनट पर भयंकर विस्फोट हुआ था। तब रमजान का पवित्र महीना चल रहा था। उस घटना में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख मुश्ताक यूसुफ, शेख रफीक मुस्तफा, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार और हारून शाह मोहम्मद शाह की मौत हुई थी, वहीं सैंकड़ो अन्य लोग घायल हुए थे। इसी मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी, रमेश उपाध्याय समेत अन्य लोग आरोपी थे जिन्हें अब बरी कर दिया गया है।