Bhaiyyaji Joshi: महाराष्ट्र की राजनीति में आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के एक बयान ने नया तड़का लगाने का काम किया है। भैयाजी जोशी के बयान पर सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कड़ा तेवर दिखाते हुए RSS नेता पर देशद्रोह का मामला दर्ज कराने की मांग कर दी है। उद्धव ठाकरे ने मुंबई में मीडिया से बात करते हुए कहा कि “Bhaiyyaji Joshi के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।” वहीं आदित्य ठाकरे, रोहित पवार, जितेन्द्र अहवाड समेत अन्य कई नेताओं ने भैयाजी जोशी के बयान पर निशाना साधा है।
RSS नेता Bhaiyyaji Joshi के एक बयान से मची खलबली
बीते दिन मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान भैयाजी जोशी ने कहा था कि “मुंबई में कोई एक भाषा नहीं है। मुंबई के हर हिस्से की अलग-अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं, तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े।” Bhaiyyaji Joshi के इस बयान के खूब खलबली मची है और वे महाराष्ट्र के कई नेताओं को निशाने पर हैं।
भैयाजी जोशी के बयान पर क्या बोले महाराष्ट्र के नेता?
उद्धव ठाकरे ने तल्ख भाव में कहा है कि “भैयाजी जोशी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”
आदित्य ठाकरे का कहना है कि “हम देखते हैं कि कोश्यारी से कोराटकर और सोलापुरकर तक ये सभी महाराष्ट्र, महाराष्ट्र के नायकों और महाराष्ट्र के देवताओं का अपमान करते रहे हैं। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का अपमान किया है। आज, सुरेश भैयाजी जोशी ने जो कहा है वो मराठी का अपमान है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह तमिलनाडु या गुजरात में ऐसा कुछ कहें।”
एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेन्द्र अहाड ने Bhaiyaaji Joshi के बयान की आलोटना की है। उनका कहना है कि “भैयाजी जोशी ने हमारी मां का अपमान किया है। उन्होंने एक स्टेशन का नाम लिया और दावा किया कि इसकी भाषा गुजराती है, लेकिन उन्हें मुंबई समझ में नहीं आता। मुंबई एक ऐसी जगह है, जो यहां आता है और इसे अपनाता है उसे कभी पीछे मुड़ना नहीं पड़ता। पहले वे जाति के नाम पर बंटते थे, फिर धर्म के नाम पर, अब यह भाषा को माध्यम बना रहे हैं।”
विधायक रोहित पवार का कहना है कि “क्या सरकार चाहती है कि केवल गुजराती लोगों को नौकरी मिले, मराठी लोगों को नहीं? यह विज्ञापन बहुत गलत है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि कोई भी अन्य भाषा खराब है, लेकिन महाराष्ट्र में मराठी पहली भाषा होनी चाहिए, उसके बाद अन्य भाषाएं आनी चाहिए। सरकार को इस संबंध में तुरंत कुछ कार्रवाई करनी चाहिए। अभी, गुजरात की एक कंपनी है जो गुजरात में नंबर प्लेट प्रदान कर रही है। वहां महाराष्ट्र के लोगों को नंबर प्लेट 550 रुपये में दी जा रही है। हमें मराठी लोगों के बारे में सोचना होगा।”
भैयाजी जोशी ने जारी की सफाई
आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने अपने बयान को लेकर छिड़ी सियासी जंग के बीच सफाई जारी की है। Bhaiyyaji Joshi का कहना है कि “मेरे एक बयान के कारण गलतफहमी हुई है। इसमें कोई सवाल नहीं है कि मुंबई की भाषा मराठी नहीं है। महाराष्ट्र की भाषा मराठी ही है। मुंबई महाराष्ट्र में है और स्वाभाविक रूप से, मुंबई की भाषा भी मराठी है। भारत में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। मुंबई में भी अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। इसलिए, यह स्वाभाविक अपेक्षा है कि उन्हें भी यहां आना चाहिए और मराठी सीखना समझना और पढ़ना चाहिए। सह-अस्तित्व कि भारत में इतनी सारी अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग एक साथ रहते हैं। मुझे लगता है कि मुंबई भी इसका एक आदर्श उदाहरण है। मेरी मातृभाषा मराठी है, मैं सभी से इसे एक ही नजरिए से देखने का अनुरोध करता हूं।”