Pappu Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मखाना बोर्ड को लेकर आर-पार की स्थिति बन चुकी है। सांसद पप्पू यादव ने मखाना बोर्ड के लिए झंडे गाड़ दिए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि पूर्णिया में ही मखाना बोर्ड की स्थापना होनी चाहिए। ऐसा न करना सीमींचल-कोसी की जनता के साथ अन्याय होगा। पप्पू यादव का कहना है कि मेरे जीते-जी मखाना बोर्ड को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस को बिहार में लीड करने की भूमिका में सबसे अहम किरदार Pappu Yadav के इस कदम का क्या असर हो सकता है? क्या Bihar Assembly Election 2025 से पहले कांग्रेस की साख बढ़ेगी? इस तरह के तमाम सवाल सोशल मीडिया पर पूछे जा रहे हैं। तो आइए हम आपको मखाना बोर्ड पर छिड़ी सियासत के बीच सभी पहलुओं को विस्तार से बताते हैं।
बिहार चुनाव से पहले सांसद Pappu Yadav का ‘मखाना बोर्ड’ पर आर-पार का ऐलान!
सांसद पप्पू यादव के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “मखाना बोर्ड की स्थापना हर परिस्थिति में पूर्णिया में होना चाहिए। सीमांचल-कोसी में मखाना का 90% उत्पादन, यहां से मखाना बोर्ड को स्थानांतरित करना घोर अन्याय। 24 फरवरी को हम सब पूर्णिया वासी पूर्णिया बंद कर सरकार को संदेश देंगे कि सीमांचल-कोसी यह जुल्म अब बर्दाश्त नहीं करेगा।” Pappu Yadav ने पोस्ट जारी कर स्पष्ट तक दिया है कि जुल्म के खिलाफ वे सड़क पर उतरेंगे और मखाना बोर्ड को हरगीज स्थानांतरित नही करने देंगे।
क्या पप्पू यादव के ऐलान से सीमांचल-कोसी में होगा असर?
पूर्णिया, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, किशनगंज वालों की हक की लड़ाई पप्पू यादव ने सड़क से सदन तक लड़ी है। ऐसे में अब पूर्णिया में मखाना बोर्ड की स्थापना के लिए उनके द्वारा चलाई जा रही मुहिम से जनता के बीच उनकी पैट और बनेगी। लोगों से उनका जुड़ाव बढ़ेगा। सवाल है कि क्या Pappu Yadav द्वारा किए जा रहे प्रयत्न का असर चुनावी दौर में सीमांचल-कोसी में झलकेगा। इसका जवाब तो परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट रूप से मिलेगा, लेकिन ये तय है कि इस कदम से पूर्णिया सांसद की साख और मजबूत हो सकेगी। बिहार विधानसभा चुनाव में यदि इसका लाभ उनकी पार्टी कांग्रेस को मिले, तो ये आश्चर्यजन नहीं होगा।