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राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने Republic Day 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को किया संबोधित, कहा- आज से ठीक 75 साल पहले…

राष्ट्रपति Draupadi Murmu ने Republic Day 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि देश को 1947 में आजादी मिली थी। तब से लेकर आज तक औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष मौजूद हैं। वर्तमान में उस मानसिकता को तेजी से बदलने की जरूरत है। जिसके लिए अब हम ठोस प्रयास देख रहे हैं।

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President Draupadi Murmu
President Draupadi Murmu

Draupadi Murmu: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित कर रही हैं। राष्ट्रपति का भाषण दूरदर्शन चैनलों और ऑल इंडिया रेडियो के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क पर प्रसारित किया जा रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति Draupadi Murmu ने सभी देशवासियों को Republic Day 2025 की बधाई दी हैं। यह उनका तीसरा गणतंत्र दिवस संबोधन है।

देश को संबोधित करते हुए President ने कहा कि ठीक 75 साल पहले 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ था। उन्होंने अपने संबोधन में संविधान सभा के बारे में जानकारी साझा की हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में देश को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त कराने वाले देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर महत्वपूर्ण बातें कहीं। इनमें भगवान बिरसा मुंडा की वीर गाथा आदि शामिल हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधित किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Republic Day 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि देश को 1947 में आजादी मिली थी। तब से लेकर आज तक औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष मौजूद हैं। वर्तमान में उस मानसिकता को तेजी से बदलने की जरूरत है। जिसके लिए अब हम ठोस प्रयास देख रहे हैं।

ऐसे प्रयासों में भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय शामिल है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की संस्कृति को लेकर कही ये बातें

President Draupadi Murmu ने देश की संस्कृति की बढ़ती लोकप्रियता को समझाते हुए अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। इनमें प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों देश की विभिन्न परंपराओं और रीति-रिवाजों को सहेजने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। साथ ही देश की संस्कृति को दुनियाभर में पहचान दिलाने के लिए कई उत्साहजनक प्रयास किए जा रहे हैं।

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