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PSEB News: ’पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड’ का बड़ा फैसला, अब पास होने के लिए लाने होंगे सिर्फ इतने प्रतिशत नम्बर

PSEB News:’पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने छात्रों के हित को देखते हुए परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है। जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में होने वाली परीक्षाओं को तीन श्रेणियों में बांटा है। ऐसे में अब कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक सभी परीक्षार्थी को कुल 8 विषयों का पेपर देना होगा। इसके लिए बोर्ड ने कुल 650 अंक निर्धारित कर रखे हैं। बोर्ड अनुसार परीक्षार्थी को केवल 33 फ़ीसदी अंक लाना होगा।

PSEB News: ‘पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड’ की तरफ से बड़ी अपडेट निकल कर सामने आई है। बताया जा रहा है, बोर्ड ने सत्र 2023-24 की परीक्षाओं को लेकर महत्वपूर्ण (अहम) फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक बोर्ड इस वर्ष से होने वाली आगामी परीक्षाओं में विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत दी है। अब  कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक सभी परीक्षार्थी को केवल 33 फ़ीसदी (प्रतिशत) माक्स (नंबर) पास होने के लिए लाने पड़ेंगे। उसमें से मुख्य रूप से लिखित परीक्षा में 25 प्रतिशत अंक लाने जरूरी होंगे। छात्र इस बात को बखूबी ध्यान दें, कि ये सभी नंबर आपको प्रैक्टिकल, आंतरिक मूल्यांकन और लिखित परीक्षा को मिलाकर लाना होगा।        

परीक्षा पैटर्न में भी हुआ बदलाव 

जी हाँ पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड’ यानी की (PSEB)ने छात्रों के हित को देखते हुए परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है। जानकारी के मुताबिक शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में होने वाली परीक्षाओं को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।  जिसमें सबसे पहला कैटेगरी ‘ए’ है। जिसमें सभी 6 विषयों में पास होना जरूरी है। इसके बाद छात्र को दूसरी श्रेणी के ‘बी’ में से दो विषयों को पास करना कंपलसरी है। इसका मतलब यह हुआ, कि अब कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक सभी परीक्षार्थी को कुल 8 विषयों का पेपर देना होगा। इसके लिए बोर्ड ने कुल 650 अंक निर्धारित कर रखे हैं। 

 तीसरी श्रेणी की ग्रुप (परीक्षा)  में क्या है खास ?  

हमने आपको पहली श्रेणी और दूसरी श्रेणी के बारे में तो बता दिया, लेकिन अब आप सभी शिक्षार्थी को समझना होगा कि तीसरी श्रेणी यानी की ग्रुप ‘सी’ में ‘स्वागत जिंदगी’ विषय के बारे में है। बता दें कि अब तक ‘स्वागत जिंदगी’ विषय की लिखित परीक्षा होती थी, लेकिन अब बोर्ड ने इसे लिखित परीक्षा की लिस्ट से हटा दिया है। इसके अलावा बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया, कि सभी परीक्षाओं में स्टूडेंट्स को उपस्थिति महत्वपूर्ण व अनिवार्य है। यदि किसी विद्यार्थी ने अपनी प्रथम भाषा पंजाबी, हिंदी, उर्दू में से किसी एक को लिया है, तो वह उसी सब्जेक्ट्स को दूसरी भाषा के रूप में नहीं चुन सकेगा।

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