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Pune News: ‘ये पेशवाओं का गौरव है..,’ महाराष्ट्र के इस चर्चित किले में गूंजी नमाज, तो भड़क उठा हिंदू समाज! जमकर हुआ हंगामा

Pune News: महाराष्ट्र के पुणे में स्थित चर्चित शनिवार वाडा किले के ऊपरी मंजिल पर नमाज पढ़ने से जुड़ा प्रकरण सामने आने के बाद जमकर हो-हल्ला मचा।

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Picture Credit: सोशल मीडिया

Pune News: पेशवाओं की धरती कही जाने वाली महाराष्ट्र से फिर एक बार सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुस्लिम महिलाओं की एक टोली महाराष्ट्र के पुणे में स्थित चर्चित शनिवार वाडा किले में नजाम पढ़ती देखी गई। इस प्रकरण के सामने आते ही जमकर हो-हल्ला मचना शुरू हुआ है। हिंदू संगठन खुलकर इस प्रकरण की भर्त्सना कर रहे हैं। आलम ये है कि हिंदू समाज के तमाम लोग नमाज वाले स्थान पर पहुंचे और गौमूत्र व गोबर छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया गया। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा ये मामला सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

महाराष्ट्र के चर्चित किले में गूंजी नमाज, तो भड़क उठा हिंदू समाज! – Pune News

इस पूरे प्रकरण को लेकर गहमा-गहमी तेज हो गई है। मामला बीते शनिवार का बताया जा रहा है जब कुछ मुस्लिम महिलाओं द्वारा पुणे के शनिवार वाडा किले के ऊपरी मंजिल पर नमाज पढ़ा गया था। इससे जुड़ा एक क्लिप सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया जिसको देखकर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। आनन-फानन में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता रविवार को मौके पर पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया।

जमकर हो रही नारेबाजी के साथ ही हिंदू संगठन ने नमाज वाले स्थान पर गौमूत्र और गोबर छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया जिसकी खूब चर्चा हो रही है। इसके अलावा हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने किले के बाहर स्थित हजरत ख्वाजा सय्यद दरगाह के पास भी विरोध-प्रदर्शन किया और पुलिस से गतिरोध हुआ। इस पूरे प्रकरण को लेकर इलाके में तनाव पसर गया, जहां प्रशासन की सूझ-बूझ से शांति बहाल हो सकी है।

पेशवाओं का गौरव है चर्चित शनिवार वाडा किला

गौरतलब है कि जिस चर्चित किले में नमाज पढ़ने के बाद हो-हल्ला की स्थिति बनी है, वो पेशवाओं का गौरव माना जाता है। इसकी स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी। ये किला शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदवी स्वराज्य का प्रतीक है। यही वजह है कि किले में नमाज पढ़ने से जुड़े प्रकरण को लेकर हिंदू संगठन खूब आवाज उठा रहे हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि ये विरोध प्रदर्शन किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि इतिहास और परंपरा की रक्षा के लिए है।

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