Bhagwant Mann: पंजाब में इन दिनों मान सरकार और बीबीएमबी यानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीबीएमबी की कई परियोजनाओं में सीआईएसएफ यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती का कड़ा विरोध किया। मान सरकार का यह विरोध अब काम आ गया है। दरअसल, AAP Punjab ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स यानी ट्विटर के जरिए यह जानकारी शेयर की है। ऐसे में मान सरकार के तीखे विरोध के बाद बीबीएमबी ने बड़ा फैसला लिया है। बीबीएमबी के इस निर्णय से मान सरकार काफी खुश है।
Bhagwant Mann सरकार का विरोध हुआ कामयाब
AAP Punjab ने अपनी आधिकारिक एक्स पोस्ट में लिखा, ‘मान सरकार के कड़े विरोध के बाद बीबीएमबी का फैसला!’ साथ ही बीबीएमबी के फैसले की जानकारी भी साझा की है। बीते दिनों सीएम भगवंत मान के कड़े विरोध के बाद बीबीएमबी ने सीआईएसएफ के लिए आवास उपलब्ध कराना बंद कर दिया है। बता दें कि पंजाब सरकार की बीबीएमबी में लगभग 52 फीसदी हिस्सेदारी है। इस वजह से पंजाब सरकार संगठन को बजट भी जारी करती है। मगर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में सीआईएसएफ की तैनाती के लिए पंजाब सरकार ने बजट देने से इंकार कर दिया।
भगवंत मान ने सीआईएसएफ की तैनाती पर जताया था विरोध
दरअसल, बांध और टाउनशिप की सुरक्षा के लिए तैनता किए जाने वाले तकरीबन 296 सदस्यीय सीआईएसएफ दल को बीबीएमबी के नांगल टाउनशिप में ठहराया जाना था। ऐसे में सरकार के विरोध के बाद सीआईएसएफ कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए आवास बनाने की योजना को Bhagwant Mann सरकार के कड़े विरोध के बाद रोक दिया गया है। सीएम मान ने कहा कि बांध और टाउनशिप की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस सक्षम है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ को बीबीएमबी में पंजाब पुलिस और हिमाचल प्रदेश पुलिस की जगह तैनात करने की मंजूरी दे दी थी। सीआईएसएफ को बांध और टाउनशिप की सुरक्षा के लिए तैनात करना था। बता दें कि बीबीएमबी यानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ की पानी और बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित करता है।