Bhagwant Mann: पंजाब की आप यानी आम आदमी पार्टी की सरकार भीषण बाढ़ से निपटकर अब प्रदेश को आगे बढ़ाने में जुटी हुई है। वहीं, एक बार फिर विपक्षी खेमे में मौजूद भाजपा के साथ तकरार का मामला सामने आया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स यानी ट्विटर पर भाजपा के फैसले की कड़ी आलोचना की है। सीएम मान ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, ‘हम पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट को भंग करने और उसमें पंजाब की भागीदारी समाप्त करने के भाजपा के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। हम पंजाब के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।’
CM Bhagwant Mann ने केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की
‘Jagran’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासनिक ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव किया है। केंद्र की मोदी सरकार ने 59 साल पुरानी सीनेट और सिंडिकेट को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। यह आदेश 31 अक्टूबर को जारी हुआ था, जो 5 नवंबर 2025 से लागू होगा।आपको बता दें कि यह पहली बार है, जब 1882 में स्थापित पंजाब विश्वविद्यालय और 1947 के बाद चंडीगढ़ में पुनर्गठित हुई पंजाब यूनिवर्सिटी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाइयों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यही वजह है कि पंजाब सीएम भगवंत मान और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर तकरार देखने को मिल रही है।
आखिर क्यों खत्म हुई पंजाब विश्वविद्यालय से भगवंत मान सरकार की भागीदारी
रिपोर्ट के मुताबिक, अब पंजाब विश्वविद्यालय का संचालन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स करेगा, जिसकी अध्यक्षता वीसी यानी कुलपति करेंगे। इस बोर्ड में केंद्र सरकार, यूजीसी और चंडीगढ़ प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ऐसे में अब इस विश्वविद्यालय में पंजाब की भगवंत मान सरकार की भागीदारी समाप्त कर दी गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय में प्रशासनिक सुधार और प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है।






