Bhagwant Mann: पंजाब के मजीठा में हुई दुखद घटना के बाद पीड़ित परिवारों को मान सरकार का साथ मिल गया है। आश्वासन के मुताबित भगवंत मान सरकार ने पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। इसके साथ ही अमृतसर के मजीठा में हुए शराब कांड पर राजनीति कर रहे विपक्ष को सरकार ने दो टूक जारी कर अहम संदेश दिया है। सीएम Bhagwant Mann ने खुद मौके पर पहुंचकर उन लोगों से मुलाकात की है जिनके अपने लोग जहरीली शराब के भेंट चढ़ गए हैं। पंजाब सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि वो अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है और शराब कांड को अंजाम देने वाले एक भी आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे।
मृतकों के परिजनों को मिला सीएम Bhagwant Mann का साथ!
आप पंजाब के एक्स हैंडल से जारी की गई तस्वीर में मुख्यमंत्री भगवंत मान को उन पीड़ित परिवारों से मिलते देखा जा सकता है, जिनके अपने लोग शराब कांड की भेंट चढ़ गए। दरअसल, तड़के सुबह खबर मिली के अमृतसर के मजीठा में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद भगवंत मान सरकार ने पूरी तत्परता के साथ आरोपियों को पकड़ा और मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद देने का काम किया है। सीएम Bhagwant Mann ने खुद मौके पर पहुंचकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, ताकि फिर कभी ऐसी दुखद घटना न हो। सरकार की ओर से प्रत्येक मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद और बच्चे या परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की गई है।
अमृतसर शराब कांड पर राजनीति करने वालों को मान सरकार की दो टूक!
सरकार की ओर से आनंदपुर साहिब से सांसद मलविंदर सिंह कांग ने उन तमाम लोगों को संदेश दिया है जो शराब कांड पर राजनीति कर रहे थे। Bhagwant Mann सरकार की तत्परता का जिक्र करते हुए AAP सांसद ने कहा कि मजीठा विधानसभा क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई मौतें बेहद दुखद हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस दुखद मामले पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया को यह शोभा नहीं देता। आप सांसद ने पुलिस की कार्रवाई का जिक्र कर बताया है कि मजीठा शराब कांड मामले में मुख्य आरोपी के साथ संलिप्त कई आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है। जल्द से जल्द दोषी साबित होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में इस प्रकरण को लेकर राजनीति करना कहीं से वाजिब नहीं है।