Bhagwant Mann: पंजाब सरकार राज्य का भविष्य माने जाने वाले छोटे बच्चों को हर समय विशेष प्राथमिकता देती है। इस कड़ी में भगवंत मान सरकार की ओर से समय-समय पर आवश्यक ऐलान किए जाते रहे हैं, ताकि बच्चे लाभवान्वित हो सकें। पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर एक बार फिर बच्चों के लिए बड़ा तोहफा लेकर आई हैं। उन्होंने बताया है कि सीएम Bhagwant Mann के निर्देशानुसार पंजाब सरकार राज्य में हजारों नए आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण करा रही है। इसके अलावा पुराने आंगनवाड़ी केन्द्रों के जीर्णोधार के लिए 2 लाख रुपए जारी किए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि 6 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चे आंगनवाड़ी पहुंचकर बेहतर सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल कर सकें।
बच्चों का सपना साकार कर रही Bhagwant Mann सरकार!
AAP सरकार की अहम सदस्य और सीएम भगवंत मान की कैबिनेट में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रही मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बड़ी जानकारी दी है। डॉ. बलजीत कौर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों को बताया है कि “मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार 6 वर्ष से छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान देने का काम कर रही है।” उन्होंने कहा है कि इस कड़ी में सीएम Bhagwant Mann के निर्देशानुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1419 नए आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं। वहीं पुराने आंगनवाड़ी केंद्रों के जीर्णोधार और सौंदर्यीकरण हेतु सरकार प्रति केंद्र के हिसाब से 2 लाख रुपए का अनुदान जारी कर रही है। इस पहल से निकट भविष्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों की तस्वीर बदली नजर आएगी और छोटे बच्चे ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
सीएम भगवंत मान के निर्देशानुसार बदल रही आंगनवाड़ी केंद्रों की तस्वीर!
मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार पंजाब का सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय लगातार छोटे बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रहा है। इसी क्रम में आंगनवाड़ी केन्द्रों में जीर्णोधार और निर्माण से जुड़े कार्य कराए जा रहे हैं। मंत्री डॉ. बलजीत कौर की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के लिए सुविधाजनक शौचालय और स्वच्छ पेयजल के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके अलावा फर्नीचर के लिए भी करोड़ों रुपए की विशेष धनराशि जारी की जा रही है ताकि, आंगनवाड़ी केन्द्रों की तस्वीर बदले। ऐसा होने पर 6 वर्ष से कम की उम्र वाले बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्र की ओर आकर्षित होंगे और उनकी भागीदारी बढ़ेगी।