Punjab News: किसी समय नशों का केंद्र रहे ज़िला होशियारपुर के गाँव जलालपुर के निवासियों ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा नशों के पूर्ण उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अद्वितीय अभियान ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का भरोसा दिया।
पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई नशा मुक्ति यात्रा
गाँव बुड्ढी के निवासी हरमनप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई नशा मुक्ति यात्रा की सराहना की और इसे बहुत ही नेक कदम बताया। उन्होंने आगे कहा कि वह बाकी सभी के साथ पंजाब को नशा मुक्त बनाने के मिशन में सरकार के साथ खड़े हैं।
गाँव उड़मुड़ की निवासी परमजीत कौर ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार का इस नेक पहल को शुरू करने के लिए धन्यवाद किया जो आने वाली पीढ़ियों को नशों से बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
गाँव खंगवाड़ी के निवासी करन सिंह बिंदू ने हाल ही में शुरू की गई नशा मुक्ति यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह नौजवानों को नशों से दूर रखने में मदद करेगी और उन्हें स्वस्थ और नशा मुक्त समाज सृजित करने में योगदान करने के योग्य बनाएगी।
शारीरिक, मानसिक और वित्तीय तौर पर कमज़ोर कर दिया
गाँव ढड्डियाला के एक नौजवान अतींद्रपाल सिंह, जिसने नशों के विरुद्ध चल रही जंग के दौरान नशे की लत पर काबू पाया, ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि नशा सचमुच महामारी की तरह है। उन्होंने बताया कि नशों ने उन्हें शारीरिक, मानसिक और वित्तीय तौर पर कमज़ोर कर दिया और उनके पारिवारिक रिश्ते भी तोड़ दिए। वह नशों को छोड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें सही रास्ता नहीं मिल सका। अंत में उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक नशा मुक्ति केंद्र में इलाज शुरू किया और वह अब पूरी तरह से नशा मुक्त हैं। उन्होंने कहा कि सभी को भगवंत मान सरकार द्वारा चलाई जा रही युद्ध नशों के विरुद्ध मुहिम का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ नशे के विरुद्ध लड़ाई नहीं है बल्कि यह हमारे नौजवानों और पंजाब के भविष्य को बचाने की लड़ाई है और हमें इस लड़ाई को मिलकर जीतना चाहिए।
गाँव बुल्लोवाल के गुरप्रीत सिंह ने नशे छोड़ने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा कि नशों के हर तरह से बुरे नतीजे भुगतने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि नशों के कारण उनका सामाजिक और पारिवारिक जीवन पूरी तरह तबाह हो गया। पंजाब सरकार द्वारा चलाया जा रहा नशा मुक्ति केंद्र उनके लिए उम्मीद की किरण बन गया। इस केंद्र से इलाज करवाने के बाद वह नशे के दलदल से बाहर आने के योग्य हो गए। आज वह अपने परिवार के साथ खुशहाल और नशा मुक्त जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने नौजवानों से अपील की कि वे कभी भूलकर भी नशों के दलदल में न फंसें।