Arun Jaitley: नई दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एनुअल लीगल कॉन्क्लेव में राहुल गांधी ने एक ऐसी बात कह दी है जो अब उन्हीं के लिए सिरदर्द बन गया है। नेता प्रतिपक्ष ने अधिवक्ताओं ने बीच विवादित कृषि कानून और फिर इसके संदर्भ में अरुण जेटली का बात कर खुद के लिए आफत मोल लिया है। इस पूरे प्रकरण में अब अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली और पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर की एंट्री हो गई है।
दोनों ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए बड़े झूठ का पर्दाफाश कर LoP को मुश्किलों में डाल दिया है। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष ने Arun Jaitley पर खुद को डराने-धमकाने के आरोप लगाए हैं जिसके बदले अब सत्तारुढ़ दल की ओर से जमकर प्रतिक्रिया आ रही है। बीजेपी इस बात की ओर से इंगित कर रही है कि कैसे Rahul Gandhi दिवंगत नेता अरुण जेटली का नाम राजनीतिक लाभ के लिए खराब कर रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में LoP बुरा फंसते नजर आ रहे हैं और उन पर जुबानी हमले का दौर शुरू है।
दिवंगत नेता Arun Jaitley का जिक्र कर राहुल गांधी ने मोल ली आफत!
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष को औचक दिवंगत नेता अरुण जेटली की याद आ गई। इस दौरान उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि “मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली जी को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था अगर आप सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। मैंने उनकी तरफ देखा और कहा, मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं।” Arun Jaitley के निधन होने के वर्षों बाद इस कदर उन पर गंभीर आरोप लगाने को लेकर LoP की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सत्तारुढ़ दल के तमाम नेता राहुल गांधी के इस दावे को झूठ बताते हुए पर्दाफाश कर रहे हैं।
रोहन जेटली के साथ अनुराग ठाकुर ने नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा
पिता का जिक्र होते ही रोहन जेटली तमतमा उठे। हालांकि, उन्होंने बड़ी शालीनता के साथ राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है।
रोहन जेटली ने एक्स पोस्ट जारी कर लिखा कि “राहुल गांधी अब दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता Arun Jaitley ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था। मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हो गया था। कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता के स्वभाव में किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था। वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे। अगर ऐसी कोई स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह सभी के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुँचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते।”
नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए रोहन जेटली लिखते हैं कि “मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें जो हमारे साथ नहीं हैं। उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी, उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया था।”
पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी Arun Jaitley का जिक्र करने वाले राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। अनुराग ठाकुर का कहना है कि “राहुल गांधी हर दिन एक नया झूठ और एक नया प्रोपेगेंडा लेकर आते हैं। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को हुआ था और कृषि कानून क्रमशः 17 सितंबर 2025 और 20 सितंबर 2020 को लोकसभा और राज्यसभा में पारित किए गए थे। जब बिल आया, तब तक अरुण जेटली का निधन हो चुका था। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।”