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Rajasthan News: कोटा के कोचिंग संस्‍थानों में 9वीं से पहले दाखिला अब संभव नहीं! सुसाइड केसों को रोकने के लिए बड़ा कदम जल्‍द

Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में बढ़ते सुसाइड के मामलों को देखते हुए सरकार द्वारा गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी ने अपना रिपोर्ट पेश किया है। इसके तहत अब कोटा के कोचिंग में 9वीं क्लास के पहले बच्चे दाखिला नहीं ले पाएंगे।

Rajasthan News: देश में एजुकेशन हब के रुप में अपनी पहचान बना चुके कोटा शहर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इसके तहत यहां आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। अब खबर है कि इस कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके तहत सरकार को कई तरह के सुझाव दिए गए हैं जिससे की इस तरह के घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके।

मिली जानकारी के अनुसार अब छात्रों को 9वीं क्लास के पहले कोटा के कोचिंग संस्थानों में दाखिला नहीं मिल सकेगा। वहीं इसके अलावा छात्रों के लिए हर सप्ताह अवकाश देने की बात भी कही गई है।

उच्च स्तरीय कमेटी ने पेश की रिपोर्ट

बता दें कि राजस्थान सरकार कोटा शहर में लगातार हो रहे आत्महत्या के मामलों से चिंतित है। इस क्रम में इस पर रोकथाम के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। इसको लेकर खबर है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव उषा शर्मा को सौंप दी है। इसमें कई तरह के सुझाव भी दिए गए हैं। रिपोर्ट की मानें तो अब 9वीं से पहले बच्चों को कोटा के कोचिंग संस्थानों में दाखिला नहीं मिल सकेगा। वहीं 10वीं क्लास या इससे उपर के छात्रों के असेसमेंट रिजल्ट को किसी भी कोचिंग सेंटर द्वारा सार्वजनिक नहीं किया जा सेकगा। कमेटी की ओर से ये रिपोर्ट सरकार तक पहुंचा दिया गया है और अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कब तक इस मसले पर अमल कर इसे लागू करती है।

सुसाइड को रोकने के लिए उठाए जा सकते हैं ये कदम

बता दें कि सरकार द्वारा गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी ने अपने रिपोर्ट में सुसाइड के मामलो को रोकने के लिए कई तरह के सुझाव दिए हैं। इसके तहत कहा गया है कि अब बच्चों को साप्ताहिक अवकाश देना अनिवार्य होगा। वहीं इस दौरान कोचिंग संचालकों के लिए ये भी आदेश दिए जाएंगे कि अगर कोई छात्र नौवीं कक्षा से पहले कोचिंग छोड़ना चाहे तो उन्हें शेष अवधि की फीस लौटानी होगी। इसके अलावा स्क्रीनिंग टेस्ट कर ये सुनिश्चित किया जाए कि छात्र दाखिला लेने के लिए रुचि रखता है या नहीं। वहीं इसके अलावा भी कमेटी ने मुख्य सचिव को कई तरह के सुझावों की रिपोर्ट सौंपी है।

अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को कितने गंभीरता से लेती है और इसे कब तक लागू करने का फैसला देती है।

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