Ramdev Baba: हरिद्वार से निकल कर पूरे देश में पैठ बनाने वाली मशहूर पतंजलि कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। योग गुरु रामदेव बाबा की कंपनी ने देश के मशहूर यूट्यूब चैनल ‘ट्रस्टिफाइड सर्टिफिकेशन’ के खिलाफ मुखर रुख अपनाते हुए याचिका दाखिल की है। रामदेव बाबा की कंपनी की ओर से कोर्ट में उस वीडियो का जिक्र किया गया है जिसमें कथित रूप से पतंजलि के ‘न्यूट्रेला सोया चंक्स’ के खिलाफ मनगढ़ंत बातें कही गई हैं।
मानहानि का दावा करते हुए पतंजलि आयुर्वेद की ओर से अपने ब्रांड को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘विशेष हर्जाने’ के रूप में यूट्यूब चैनल से 5 करोड़ रुपए की मांग की गई है। इससे इतर रामदेव बाबा की कंपनी ने अपनी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 10.5 करोड़ रुपए की मांग की है। इसको लेकर खूब हो-हल्ला मचा है।
मशहूर यूट्यूब चैनल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची Ramdev Baba की कंपनी
पतंजलि आयुर्वेद की ओर से दायर की गई याचिका के मुताबिक ‘ट्रस्टिफाइड सर्टिफिकेशन’ यूट्यूब चैनल से ‘न्यूट्रेला सोया चंक्स’ के खिलाफ मनगढ़ंत बातें कही गई थीं। इसको लेकर योग गुरु रामदेव बाबा की कंपनी ने सीधे बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। कंपनी की ओर से यूट्यूब चैनल के खिलाफ याचिका दायर कर प्रतिष्ठा को नुकसान के लिए 10.5 करोड़ रुपए और ब्रांड को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘विशेष हर्जाने’ के रूप में 5 करोड़ रुपए की मांग की गई है।
जस्टिस शर्मिला देशमुख की सिंगल-जज बेंच आगामी सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। पतंजलि का तर्क है कि “विवादित वीडियो वादी द्वारा हासिल की गई दुनिया भर में लोकप्रियता को खराब करने और उसका फायदा उठाने के एकमात्र इरादे से अपलोड किया गया है।”
याचिका दायर कर पतंजलि ने कर दी बड़ी मांग
आयुर्वेद कंपनी पतंजलि ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष मांग की है कि ऐसे विवादित वीडियो को तुरंत यूट्यूब से हटाया जाए। इसके साथ ही प्रतिवादियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मानहानिकारक और अपमानजनक कंटेंट को अपलोड करने और फैलाने से रोकने के लिए एक उचित आदेश दिए जाएं।
रामदेव बाबा की कंपनी पतंजलि का तर्क है कि यदि कंपनी को मांगी गई राहतें नहीं दी जाती हैं तो उन्हें गंभीर नुकसान, पूर्वाग्रह, हानि, क्षति, चोट और उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय अन्याय होगा। मालूम हो कि 7.88 लाख सब्सक्राइबर्स वाले यूट्यूब चैनल ट्रस्टिफाइड पर ये वीडियो 29 दिसंबर, 2024 को अपलोड हुआ था जिसका पता कंपनी को जनवरी 2025 में चला और फिर मार्च की शुरुआत में नोटिस भेजा गया। अब देखना होगा बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख इस मामले में क्या होता है।
