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‘डॉग बाबू’ के निवास प्रमाण पत्र को लेकर सियासी उबाल! सुप्रीम कोर्ट में SIR पर सुनवाई के बीच फ्रंटफुट पर विपक्ष; EC की बढ़ी मुश्किलें

बिहार में जारी Special Intensive Revision को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है। उससे पूर्व बिहार में 'डॉग बाबू' के निवास प्रमाण पत्र को लेकर घमासान छिड़ा है और चर्चा जोरों पर है।

Special Intensive Revision
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Special Intensive Revision: बिहार में एक निवास प्रमाण पत्र को लेकर सियासी पारा उफान पर है जिसमें कथित रूप से ‘डॉग बाबू’ के नाम का जिक्र है। दरअसल, बिहार में जारी स्पेशल इंटेसिव रीविजन (SIR) के दौरान निवास प्रमाण पत्र को वैध प्रमाण माना जा रहा है। इसी दौरान किसी ने CHC से ‘डॉग बाबू’ का निवास प्रमाण पत्र बना लिया और विपक्ष को चुनाव आयोग और बिहार सरकार के खिलाफ मुखर होने का एक मौका दे दिया। विपक्ष के फ्रंटफुट पर आने के बीच ही सुप्रीम कोर्ट में आज चुनाव आयोग के Special Intensive Revision के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इसको लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है और सियासी तनातनी के बीच सबकी निगाहें उच्चतम न्यायलय के फैसले पर टिकी हैं।

बिहार में ‘डॉग बाबू’ के निवास प्रमाण पत्र को लेकर सियासी उबाल!

राज्य से इतर राष्ट्रीय स्तर की राजनीति करने वाले तमाम नेता भी ‘डॉग बाबू’ के नाम से बने निवास प्रमाण पत्र को लेकर बिहार सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। मसलन योगेन्द्र यादव ने स्पेशल इंटेसिव रीविजन और को लेकर निशाना साधा है।

योगेन्द्र यादव लिखते हैं कि “बिहार में 24 जुलाई को एक कुत्ते ने आवास प्रमाण पत्र बनवा लिया। यह वही प्रमाण पत्र है जिसे बिहार में SIR में मान्य किया जा रहा है, जबकि आधार और राशन कार्ड को फर्ज़ी बताया जा रहा है। आप खुद फ़ोटो और नाम जाँच लीजिए: ‘डॉग बाबू’, पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’, माता का नाम ‘कुतिया बाबू’ और पता – मोहल्ला काउलीचक, वार्ड नंबर 15, नगर परिषद मसौढ़ी। इस प्रमाण पत्र की संख्या BRCCO/2025/15933581 है। सरकार ने इस मामले में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है! चुनाव आयोग के जवाब की प्रतीक्षा है।”

किसान नेता योगेन्द्र यादव से इतर राजद खेमा, प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी और वीआईपी समेत तमाम विपक्षी दल फ्रंटफुट पर हैं। सभी विपक्षी मुखर होकर Special Intensive Revision के लिए वैध माने जाने वाले निवास प्रमाण पत्र की बानगी पेश कर सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।

बिहार में जारी Special Intensive Revision को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर SC में सुनवाई

चुनावी माहौल के बीच बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। विपक्ष पूरी सिद्धत के साथ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल इंटेसिव रीविजन को लेकर होने वाली सुनवाई पर नजर जमाए हुए है। दावा किया जा रहा है कि SC में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ इस मामले पर विचार कर सकती है।

मालूम हो कि इससे पूर्व 10 जुलाई को जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने Special Intensive Revision के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई की थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को SIR के लिए आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज मानने पर विचार करने को कहा था। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आज SC की पीठ सुनवाई करते हुए क्या विचार रखती है।

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