CM Yogi Adityanath: यूपी सीएम ने तल्ख भाव में सड़क पर नमाज़ पढ़ने वाली चर्चा को लगभग विराम सा दे दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा की तुलना करने वालों को संदेश देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि कांवड़ यात्रा सड़क पर ही चलेगी। सीएम योगी ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में ये भी कहा है कि नमाज पढ़ने की जगह मस्जिद–ईदगाह होगी, सड़क नहीं। बता दें कि यूपी में ईद-उल-फितर पर सड़कों पर नमाज़ अदा करने की रोक थी। इस संबंध में CM Yogi Adityanath की ओर से निर्देश जारी हुए थे। मेरठ में सीएम योगी के इस निर्देश का सांकेतिक विरोध करते हुए नमाजियों ने पोस्टर लहराए और सड़क पर कांवड़ यात्रा, होली, रामनवमी जुलूस आदि का जिक्र किया था। इसके बाद UP CM का करारा जवाब सामने आया है।
रोड पर नमाज़ को लेकर छिड़ी जंग के बीच CM Yogi Adityanath का क्लियर स्टैंड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा है कि “कांवड़ यात्रा हरिद्वार से लेकर गाजियाबाद या उन क्षेत्रों में जाती है। वो सड़क पर ही चलेगी। क्या हमने कभी परंपरागत मुस्लिम जुलूस को रोका है? कभी नहीं रोका। मुहर्रम के जुलूस निकलते हैं। नमाज पढ़ने की जगह मस्जिद–ईदगाह होगी, सड़क नहीं।”
सीएम योगी ने अपने पक्ष को विस्तार देते हुए कहा कि “सड़कें चलने के लिए होती हैं और जो लोग ऐसा कह रहे हैं उन्हें हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। प्रयागराज में 66 करोड़ लोग आए। कहीं कोई लूटपाट नहीं हुई, कहीं कोई आगजनी नहीं हुई, कहीं कोई छेड़छाड़ नहीं हुई, कहीं कोई तोड़फोड़ नहीं हुई, कहीं कोई अपहरण नहीं हुआ। यही धार्मिक अनुशासन है। वे श्रद्धा के साथ आए, ‘महास्नान’ में भाग लिया और फिर अपने गंतव्य की ओर बढ़ गए। त्योहार और उत्सव या ऐसे कोई भी आयोजन बदतमीजी का माध्यम नहीं बनने चाहिए। अगर आप सुविधा चाहते हैं, तो उस अनुशासन का पालन करना भी सीखें।”
CM Yogi Adityanath ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि “यह चुनौती लंबे समय तक यूपी पर शासन करने वाली पार्टियों के शोषण का परिणाम थी। उनके कुशासन का परिणाम यह हुआ कि राज्य हर क्षेत्र में पीछे चला गया। चाहे वह बुनियादी ढांचा हो, शासन हो, कल्याणकारी योजनाएं हों या रोजगार, हर क्षेत्र में इसका असर दिखाई दे रहा था। 2016-17 तक, यूपी एक पहचान के संकट से जूझ रहा था। पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं को समाजवादी पार्टी की सरकार ने यूपी में लागू नहीं किया।”
शीर्ष नेतृत्व से मतभेद और RSS से संबंध पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही बड़ी बात
पीटीआई को दिए साक्षात्कार में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मतभेद को लेकर चलने वाले दावों पर पक्ष रखा है। उनका कहना है कि “मतभेद का सवाल कहां से आता है? आखिर मैं पार्टी के कारण ही यहां बैठा हूं। अगर केंद्रीय नेताओं से मेरे मतभेद हैं तो क्या मैं यहां बैठा रह सकता हूं? दूसरी बात यह है कि टिकटों का बंटवारा पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाता है और सभी मामलों पर संसदीय बोर्ड में चर्चा होती है। मामले उचित जांच के बाद ही वहां पहुंचते हैं। इसलिए बोलने के लिए कोई भी कुछ भी कह सकता है। कोई किसी का मुंह बंद नहीं कर सकता।”
यूपी CM Yogi Adityanath का कहना है कि “मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं, पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यहां रखा है और राजनीति मेरे लिए पूर्णकालिक नौकरी नहीं है। फिलहाल हम यहां काम कर रहे हैं लेकिन असल में मैं एक योगी हूं। जब तक हम यहां हैं, हम काम कर रहे हैं। इसकी भी एक समय सीमा होगी।”
वहीं RSS के साथ संबंध को लेकर योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन है। राष्ट्र के प्रति समर्पण की शक्ति देखनी हो तो स्वयंसेवकों से सीखिए। दुनिया को सीखना चाहिए और जो लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर सवाल उठाते हैं, उन्हें उनकी शाखाओं में जाकर देखना चाहिए कि राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण कैसे होता है और उसे एक निश्चित प्रक्रिया के साथ कैसे आगे बढ़ाया जाता है। आरएसएस की कोई पसंद या नापसंद नहीं है। आरएसएस उन लोगों को पसंद करेगा जो भारत के प्रति वफादार हैं। आरएसएस केवल उन लोगों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर सकता है जो भारत के प्रति वफादार नहीं हैं।”