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करोड़पति Mohammed Shami की बहन-बहनोई कब से करने लगे मजदूरी? रिपोर्ट में हुआ खुलासा देख चौंधिया रही लोगों की आंखें

Mohammed Shami की बहन शबीना और बहनोई गजनबी मनरेगा स्कीम के तहत पंजीकृत मजदूर हैं। इसका खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है जिसके बाद ये हाई प्रोफाइल मामला सुर्खियां बटोर रहा है। इस रिपोर्ट को देख लोग हैरान हो रहे हैं और उनके मन में एक ही सवाल है कि आखिर लाखों की संपत्ति के साथ भला कैसे कोई शख्स मनरेगा के तहत पंजीकृत मजदूर हो सकता है।

Mohammed Shami
Picture Credit: गूगल (क्रिकेटर मोहम्मद शमी & शबीना - सांकेतिक तस्वीर)

Mohammed Shami: कुछ ऐसी अजब-गजब खबरें सामने आ जाती हैं, जिन पर एक पल को यकीन करना मुश्किल हो जाता है। अब आप ही सोचिए कि क्या करोड़पति क्रिकेटर मोहम्मद शमी के बहन और बहनोई मजदूरी कर सकते हैं? यदि ऐसा होता भी है तो इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? दरअसल, ये वाकया सत्य है और Mohammed Shami की बहन शबीना व बहनोई गजनबी का नाम मनरेगा सूची में मजदूरी करने वालों में दर्ज है। दैनिक भाष्कर की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा भी हुआ है। ये रिपोर्ट दर्शाती है कि यूपी के अमरोहा में कैसे MNREGA Scheme में फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा है। फिलहाल इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म और काननू कार्रवाई किए जाने की प्रतिक्षा है।

मनरेगा के तहत पंजीकृत मजदूर हैं Mohammed Shami की बहन शबीना

अमरोहा से एक ऐसा चौंका देने वाला प्रकरण सामने आया है, जिससे जुड़ी खबर पढ़कर आपकी आंखें चौंधिया सकती हैं। दरअसल, दैनिक भाष्कर की एक रिपोर्ट में मोहम्मद शमी की बहन शबीना और बहनोई गजनबी मनरेगा योजना के तहत पंजीकृत मजदूर पाए गए हैं। अमरोहा में स्थित जोया ब्लॉक के पलौला गांव में मनरेगा योजना के तहत 657 जॉब कार्ड बने हैं। इसमें 473वें नंबर पर Mohammed Shami की बहन शबीना का नाम भी शामिल है। 4 जनवरी, 2021 को पंजीकृत मजदूर बनीं शबीना ने अब तक 374 दिन मजदूरी की है और उनके खाते से 70000 रुपए की निकासी हुई है। वहीं मोहम्मद शमी के बहनोई गजबनी भी कागज में 2021 से 2024 के बीच 300 दिन मजदूरी कर चुके हैं और करीब 66000 रुपए प्राप्त कर चुके हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर मनरेगा में हुआ ये फर्जीवाड़ा जांच का विषय है।

मनरेगा स्कीम में कथित फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में जांच व कार्रवाई की प्रतिक्षा

इस पूरे प्रकरण में जांच व कार्रवाई की प्रतिक्षा और तेज हो गई है। मामला हाई प्रोफाइल होने के नाते सुर्खियां भी बटोर रहा है। दावा किया जा रहा है कि रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय BDO व ब्लॉक से लेकर ग्राम पंचायत तक के अन्य तमाम अधिकारी जल्द ही इस संबंध में अपना पक्ष रख सकते हैं। आखिर ये कैसे संभव है कि लाखों की संपत्ति रखने वाले Mohammed Shami के बहनोई व उनकी पत्नी मनरेगा की मजदूर बन गई हैं। अंतत: देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रकरण में क्या कार्रवाई होती है।

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