Kanpur-Kabrai Greenfield Highway: उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड वाला हिस्सा अपने इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां पर कई फेमस मंदिर और राजाओं के किले हैं। इस ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा यूपी के झांसी बांदा,महोबा, हमिरपुर,ललितपुर, जालौन, चित्रकूट और ओरछा हैं। मध्य प्रदेश से सटे इन जिलों की अब किस्मत चमकने वाली है क्योंकि इन्हें सीधी कनेक्टिविटी दिल्ली और मुम्बई से मिलेगी। जिसकी वजह से यहां के लोगों को रोजगार के साथ बिजनेस में लाभ मिलेगा।
Kanpur-Kabrai Greenfield Highway से पूरे बुंदेलखंड को होगा फायदा
कानपुर-महोबा-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे के काम में तेजी आ गई है। 2021 से लटका ये हाईवे बहुत जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। ये हाईवे 112 किलोमीटर का है जो दिल्ली और मुम्बई से कनेक्ट होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ने से स्थानीय लोगों की यात्रा काफी सुगम हो जाएगी। इसे बनाने का प्रमुख उद्देश्य आर्थिक विकास करना है। ये हाईवे पूरी तरह से एलिवेटेड है। इसे छतरपुर-भोपाल-मुम्बई के आर्थिक कॉरिडोर को जोड़ने की तैयारी है। इस हाईवे के लिए 1139 हेक्टर की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। जिससे स्थानीय किसानों को लाभ मिलेगा। इसके बनने से यूपी के नौबस्ता–हमीरपुर मार्ग पर ट्रैकिफ जाम से राहत मिलेगी। दिल्ली और मुम्बई जैसे शहरों से बुंदेलखंड का जुड़ना आर्थिक दृष्टि से काफी लाभकारी माना जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही , इसके साथ ही बिजनेस के लिए सामान जुटाना भी आसान हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बनाए जा रहे इस हाईवे को बनने में लगभग 3700 का बजट लग सकता है।
कानपुर-महोबा-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे की खासियत
कानपुर–कबरई एलीवेटेड हाईवे सिर्फ यात्रियों के सफर को आसान नहीं बनाएगा बल्कि ये तमाम सारी सुविधाओं से भी लैस होगा। इसे कम आबादी वाले इलाकों में बनाया जा रहा है, जिसकी वजह से जाम की समस्या नहीं होगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ते ही दिल्ली और मुम्बई का राह आसान हो जाएगी। 4 साल पहले ही मोदी सरकार के द्वारा इस हाईवे को हरी झंडी दिखा दी गई थी लेकिन अब इस पर बहुत ज्लद काम शुरु होने वाला है। इसके साथ ही इसे एक्सीडेंट रोधी बनाया जाएगा।
