Maha Kumbh Stampede: खौफनाक मंजर का साक्ष्य बनी प्रयागराज की धरा पर गंगा-जमुनी तहजीब का सुंदर उदाहरण देखने को मिला है। महाकुंभ स्टैम्पेड के बाद प्रयागराज के स्थानीय मुसलमान भी बढ़-चढ़कर श्रद्धालुओं की मदद करते नजर आए। कहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घरों के दरवाजे खोले, तो कहीं खाद्य सामग्री बांटी गई। Maha Kumbh Stampede के बाद ऐसे तमाम वीडियो आए हैं, जिसमें मानवता का अद्भुत नजारा देखा गया। दु:ख व विपत्ति की ऐसी घड़ी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र और स्थानीय लोगों की भूमिका भी काबिले तारीफ रही है। सर्द मौसम में मुस्लिम समुदाय व अन्य स्थानीय लोगों द्वारा की गई पहल अब चर्चा का विषय बनी है और इसकी जमकर सराहना हो रही है।
Maha Kumbh Stampede के बाद श्रद्धालुओं की मदद के लिए उतरा मुस्लिम समुदाय
सचिन गुप्ता नामक एक्स हैंडल यूजर ने महाकुंभ स्टैम्पेड के बाद की स्थिति से जुड़ा वीडियो जारी किया है। वीडियो में भगदड़ मचने के बाद फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए प्रयागराज के मुस्लिम समुदाय के लोगों को हाथ बढ़ाते देखे जा सकता है। इमामबाड़ा, दरगाह व मस्जिद के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। स्थानीय मुसलमानों ने Maha Kumbh Stampede में फंसे भक्तों को अपने घरों में भी पनाह दी। उनके खाने–पीने तक का इंतजाम किया गया। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बकायदा इसके बारे में विस्तृत जानकारी सांझा की गई है।
कविश अजीज़ नामक एक्स हैंडल यूजर ने भी वीडियो जारी कर गंगा-जमुनी तहजीब से जुड़ा अच्छा उदाहरण पेश किया है। उनके एक्स हैंडल से जारी वीडियो में मुस्लिम समुदाय के युवकों को भक्तों के बीच खाद्य सामग्री वितरित करते देखा जा सकता है। प्रयागराज के स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं को विश्राम के लिए भी स्थान दिया है जहां कम से कम वे आराम कर सकें। वीडियो में Maha Kumbh Stampede की चपेट में आए भक्तों के आंखों पर चैन की नींद देखी जा सकती है।
महाकुंभ स्टैम्पेड के बाद क्या है ताजा स्थिति?
यूपी सरकार लगातार महाकुंभ मेला परिसर से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान रख रही है। सीएम योगी के निर्देश पर डीजीपी व मुख्य सचिव समेत तमाम आला अधिकारी लगातार निगरानी में जुटे हैं। फिलवक्त स्थिति नियंत्रण में है। प्रयागराज पुलिस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि Maha Kumbh Stampede के बाद स्थिति अब नियंत्रित है और लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की भ्रामक खबरों का प्रसार न करें और संगम नगरी में आकर आस्था की डुबकी लगाएं।