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RSS पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछने पर मचा भारी बवाल, जानें कौन है प्रोफेसर Seema Panwar जिसपर CCS University ने लिया तगड़ा एक्शन

Seema Panwar: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में हुए राजनीतिक विज्ञान के एग्जाम में RSS को लेकर एक ऐसा प्रश्न पूछा गया जिसके बाद बवाल मच गया।

Seema Panwar
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Seema Panwar: यूपी में मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी यानि ( CCS University) की राजनीतिक विज्ञान के द्वितीय सेमेस्टर में एक ऐसा प्रश्न आया जिसके बाद सीसीएस यूनिवर्सिटी में बवाल मच दया है। आपको बता दें कि एग्जाम पेपर में RSS से जुड़ा एक आपत्तिजनक प्रश्न पूछा गया, जिसके बाद से ही मामला गरमा गया है, हालांकि यूनिवर्सिटी ने बिना वक्त गवाएं प्रश्न पत्र बनाने वाली प्रोफेसर Seema Panwar को परीक्षा और मूल्यांकन कार्य से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए सीमा पंवार ने माफी मांग ली थी, लेकिन फिर भी यूनिवर्सिटी द्वारा उनपर कड़ी कार्रवाई की गई है।

RSS पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछने पर मचा भारी बवाल

CCS University की राजनीतिक विज्ञान के द्वितीय सेमेस्टर में एक RSS को लेकर एक ऐसा प्रश्न आया जिसके बाद से भारी बवाल मच गया है। दरअसल कथित तौर पर RSS को आरएसएस को धार्मिक और जाति आधारित राजनीति के उदय से जोड़ा गया था। बता दें कि प्रश्न पत्र में एक सवाल पूछा गया था कि “निम्न में से किसे परमाणु समूह नहीं माना जाता है”। इस प्रश्न में 4 विकल्प थे, पहला – नक्सली समूह, दूसरा – जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, तीसरा – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और चौथा – दल खालसा। गौरतलब है कि प्रश्न में RSS को कट्टरपंथी/आतंकी संगठनों के साथ जोड़ने पर माहौल गरमा गया। हालांकि विश्वविद्यालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रश्व बनाने वाली प्रोफेसर Seema Panwar पर परीक्षा और मूल्यांकन कार्य से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया है।

कौन है प्रोफेसर Seema Panwar?

आपको बता दें कि Seema Panwar मेरठ कॉलेज की प्रोफेसर है, इसके अलावा वह मशहूर कवि हरिओम पवार के भाई की पत्नी भी है। गौरतलब है कि मामला तूल पकड़ता देख सीमा पंवार ने तुरंत लिखित में माफी मांग ली, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जो पेपर बनाया था वह सिलेबस के अनुसार है। जो किताबें प्रस्तावित हैं, उनमें उसी तरह प्रश्न दिया हुआ था। हालांकि अब देखना होगा कि आरएसएस इसपर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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