Uttarakhand News: भक्तों में भगवान शिव को लेकर काफी आस्था है। ऐसे में उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव के तुंगनाथ मंदिर के दरवाजों को शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित पंचकेदार में से एक भगवान शिव के तुंगनाथ मंदिर को बुधवार को सुबह 11 बजे वैदिक मंत्रों और पूरे विधि-विधान के साथ भक्तों के लिए बंद कर दिया गया।
पंचकेदार में से एक है श्री तुंगनाथ मंदिर
तृतीया केदार श्री तुंगनाथ मंदिर को बंद किए जाने के दौरान लगभग 1500 भक्तों ने बाबा तुंगनाथ के दर्शन किए। श्री बदरीनाथ और केदारनाथ समिति के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार 1.35 लाख श्रद्दालुओं ने बाबा तुंगनाथ मंदिर के दर्शन किए।
ब्रह्मा मुहूर्त में हुई पूजा-अर्चना
आपको बता दें कि तुंगनाथ मंदिर बंद होने से पहले आज ब्रह्मा मुहूर्त पर मंदिर को खोला गया था। इसके बाद पूरे विधि-विधान के साथ पूजा हुई और भक्तों ने दर्शन किए। इसके बाद करीब 10 बजे से मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद बाबा तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को स्थानीय फूलों और भस्म आदि से ढककर समाधि रूप दे दिया गया।
अब यहां होगी बाबा तुंगनाथ की पूजा
तुंगनाथ मंदिर के कपाट के कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की देव डोली मंदिर प्रागण में आ गई। यहां पर मंदिर परिक्रमा के बाद देव डोली ने चोपता के लिए आगे का रास्ता तय करना शुरू कर दिया। 2 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की देव डोली भनकुन प्रवास करेगी। इसके बाद 3 नवंबर को भूतनाथ मंदिर होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी। इसके बाद देव भोजन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद बाबा तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएगी।
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