Vladimir Putin: दुनिया एकटक नजर जमाए हुए रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे की एक-एक पहलुओं पर निगरानी कर रहा है। आलम ये है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा जोरों पर है। व्लादिमीर पुतिन अपने भारत दौरे के दूसरे दिन आज काफी व्यस्त रहने वाले हैं। 5 दिसंबर यानी आज रूसी राष्ट्रपति भारतीय प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात, पीएम मोदी के साथ बैठक, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस और बिजनेस फोरम को संबोधित कर भारत-रूस के बीच कारोबारी संबंध, रक्षा सौदा और रणनीतिक रिश्तों को रफ्तार देंगे। इन तीनों पहलुओं को लेकर भारत के लिए प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के दौरे का दूसरा दिन बेहद अहम है। यही वजह है कि अमेरिका, चीन, पाकिस्तान व अन्य पश्चिमी देश इस पर बारीक नजर जमाए हुए हैं।
भारत के लिहाज से क्यों अहम है Vladimir Putin के दौरे का दूसरा दिन?
तमाम पहलुओं का जिक्र करने से अच्छा है प्रमुख बिंदू पर बात हो। ऐसे में सीधे शब्दों में ये समझिए कि रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे का दूसरा दिन क्यों खास है। दरअसल, आज व्लादिमीर पुतिन बेहद व्यस्त रहने वाले हैं। सबसे पहले वो सुबह 11:30 बजे भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे। इसके बाद पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। तत्पश्चात व्लादिमीर पुतिन हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात कर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।
दोपहर 3:40 पर रूसी राष्ट्रपति द्वारा भारत-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करने का शेड्यूल है। शाम 7:00 बजे फिर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात प्रस्तावित है। अंतत: रात 9 बजे रूसी राष्ट्रपति मॉस्को के लिए रवाना होंगे। ये व्यस्ततम दौरा देश के लिए बेहद खास है और इससे दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध, रक्षा सौदा और रणनीतिक रिश्तों को रफ्तार मिलेगी। इससे वैश्विक पटल पर भी भारत-रूस की साख मजबूत होने की संभावना है।
रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर एकटक टिकी दुनिया की नजर
अमेरिका हो या पाकिस्तान, चीन के साथ अन्य पश्चिमी देश, सभी एकटक नजर जमाए हुए व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की बारीक निगरानी कर रहे हैं। इसके पीछे सबके अपने-अपने राष्ट्रहित हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल की खरीदारी बंद करे। पाकिस्तान और चीन को अप्रत्यक्ष रूप से भारत-रूस के सैन्य समझौते से खटक है। पश्चिमी देश भी यूक्रेन को बर्बादी की कगार पर पहुंचा चुके व्लादिमीर पुतिन से नाखुश हैं और इसी वजह से उनसे कतरा रहे हैं। यही वजह है कि दुनिया की एकटक नजर व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर है कि कहीं उनके हितों को खतरा तो नहीं पहुंच रहा।






