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Delhi-Dehradun Expressway पर आखिर मंकी लैडर बनाने की क्यों ही पड़ी जरुरत? बनते ही रचेगा इतिहास

Delhi-Dehradun Expressway पर सुरक्षा के लिए एनएचएआई की तरफ से बड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। खबर है कि, यहां पर एशिया का सबसे लंबा मंकी लैडर बनने जा रहा है। सेफ्टी के लिए ये बहुत ही जरुरी है।

Delhi-Dehradun Expressway
Delhi-Dehradun Expressway : Picture Credit: X

Delhi-Dehradun Expressway : दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे कब चालू होगा सभी के मन में ये सवाल है? इसके बनने का यात्री काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। खबरों की मानें तो अक्टूबर में ये एक्सप्रेस वे खोल दिया जाएगा। जिसके बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी 2.5 घंटे रह जाएगी। पहले ये समय 5 से 6 घंटे का लगता था। ये एक्सप्रेसवे 210 किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए इसमें छह-लेन को जोड़ा जा रहा है। लेकिन अब इस एक्सप्रेस वे पर मंकी लैडर बनाया जाएगा। ये एशिया का सबसे लंबा लैडर होगा। ऐसे में एक्सप्रेस इसे बनाते ही इतिहास भी रच देगा।

मंकी लैडर क्या है?

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया मंकी लैडर बनाने का एतिहासिक कदम पहली बार उत्तर प्रदेश में उठाने जा रही है। मंकी लैडर इंसानों और जानवरों की सुरक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। जिससे हादसों पर लगाम लगेगी। ये एक वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर होगा। जिसके नीचे से जंगली जानवर गुजरेंगे और ऊपर वाहनों को चलाया जाएगा। काफी लोगों को मंकी लैडर के बारे में नहीं पता होगा। आपको बता दें, मंकी लैडर बनाने का प्रमुख उद्देश्य बंदरों को सुरक्षा देना है। बंदरों को एक्सप्रेस वे पार करने के लिए अब सड़कों पर नहीं आना होगा। बल्कि वो इस कॉरिडोर से निकलकर अपना रास्ता पार कर सकेंगे।

Delhi-Dehradun Expressway पर मंकी लैडर बनाने की आखिर क्यों जरुरत पड़ी?

मंकी लैडर की जरुरत और इसकी खासियत के बारे में खुद एनएचएआई परियोजना के प्रमुख पंकज कुमार मौर्य ने अपने बयान में बताई है। उन्होंने मंकी लैडर की जरुरत के बारे में बताते हुए कहा कि, ” दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे सहारनपुर की शिवालिक पहाड़ियों और राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है, जहां बंदरों की संख्या काफी अधिक है। अक्सर बंदर सड़क पर आ जाते हैं, जिससे अचानक दुर्घटनाएं होने का खतरा बना रहता है। इन घटनाओं को रोकने के लिए मंकी लैडर लगाने का निर्णय लिया गया है।” मंकी लैडर एक खास तरह की सीढ़ियां हैं। जिसकी मदद से बंदर सहित अन्य जंगली जानवर सड़क पर आ और जा सकेंगे।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे होगा सुरक्षा के लेस

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को सुरक्षित बनाने के लिए इस पर 12 किलोमीटर तक खंभे लगाए जाएंगे। जिसकी मदद से गहरे गड्डों में पानी भरने से रोका जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली -देहरादून एक्सप्रेस वे को काफी मजबूती से तैयार कर रहा है। ताकि यहां पर किसी भी तरह के हादसे ना हो सकें।

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