Mamata Banerjee: अटकलों का एक नया दौर तब शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुलाकात हुई। ये मुलाकात कई मायनों में खास बताई गई। एक ओर जहां देश में वक्फ एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ी हैं और बंगाल का मुर्शिदाबाद हिंसा का केन्द्र बना, वो चिंतनीय है। तमाम कयासों के हवाले से खबर चली कि ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। हालांकि, इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। सारी बातें मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद बिगड़ी स्थिति को लेकर कही जा रही हैं। बीजेपी के कई नेता भी हैं जो Mamata Banerjee को सत्ता से हटाने और राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको तेज हुई इन अटकलों के बारे में बताते हैं।
क्या राष्ट्रपति शासन की भेंट चढ़ेगी Mamata Banerjee की सत्ता?
ये सवाल बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के बाद उठ रहे हैं। दरअसल, वक्फ एक्ट के खिलाफ सड़क पर जुटी भीड़ ने 10 अप्रैल को जमकर तांडव मचाया था। इस दौरान प्रशासन भी लाचार नजर आया था। हालांकि, धीरे-धीरे स्थिति संभली और लोग अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।बिगड़ी स्थिति के कारण ममता बनर्जी का विरोध भी हुआ। कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
इसी बीच बीते कल पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुलाकात हुई। कयास लगाए गए कि दोनों के बीच हुई मुलाकात बंगाल में राष्ट्रपति शासन के आगाज का संकेत है। हालांकि, ये सिर्फ कयासबाजी है। आधिकारिक तौर पर PM Modi और इंडियन प्रेसिडेंट के बीच हुई भेंट शिष्टाचार मात्र थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की यात्रा से लौटी हैं, तो पीएम मोदी ने उनसे राष्ट्रपति भवन में जाकर मुलाकात की है। इसके अलावा मुलाकात का और कोई संदर्भ नहीं है। ऐसे में ये कहना गलत होगा कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी है।
BJP नेता शुंभेंदु अधिकारी ने उठाए गंभीर सवाल
चौतरफा घिर रहीं ममता बनर्जी को पर करारा प्रहार बोलते हुए बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गंभीर सवाल उठाए हैं। मीडिया से बात करते हुए BJP नेता ने कहा कि “जब भीड़ तोड़फोड़ कर रही थी तो सत्ताधारी पक्ष मूकदर्शक बना सब देख रहा था। जब भी हिंदू अल्पसंख्यक हुए हैं तो उन्हें वोट देने से रोका गया है। पुलिस सत्ताधारी पार्टी के कैडर की तरह काम करती है। मुक्त और पारदर्शी चुनाव के लिए अगले साल विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराए जाने चाहिए।” Mamata Banerjee पर बीजेपी नेता का ये प्रहार भी राष्ट्रपति शासन से जुड़े दावे को तुल देता नजर आया और इसकी चर्चा हुई।