Chhath puja 2023: पिछले तीन दिनों से चल रहे आस्था का मंगल पर्व अब समापन की तरफ आगे बढ रहा है. छठ मैया और भगवान सुर्य से जुड़ा छठ का पावन पर्व बड़ी ही आस्था और श्रृद्धा के साथ मनाया जाता है, इसके चौथे दिन का भी विशेष महत्व होता है जोकि 20 नवंबर यानि आज मनाया जा रहा है. इस दिन छठ मैया की पूजा करके निकलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, साथ ही पूरी पूजा के बाद आज के ही दिन व्रती महिलाएं अपने व्रत को पूर्ण करके खोलती भी हैं, इसके शुभ मुहूर्त के साथ व्रत खोलने के तरीके के बारे में बता रहे हैं.
सुबह के अर्घ्य की शुभ बेला
आपको बता दें कि छठ के पर्व की आखिरी अर्घ्य सुबह प्रात: काल में सुर्योदय के वक्त दिया जाता है. इससे एक दिन पहले पूरी रात भर माता की पूजा कठिन जप-तप चलती रहता है, 20 नवंबर का सुबह के अर्घ्य का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 47 बजे ही किया जाएगा. इसके साथ ही 36 घंटे तक लगातार व्रत कर रहीं महिलाओं का व्रत भी समापन की और बढेगा.
महिलाएं पूजा के बाद करेंगी व्रत का पारण
छठी मैया से जुड़े हुए इस पवित्र त्योहार का हिंदू धर्म में खासतौर पर महत्व बताया गया है. सूरज के निकलने पहले ही महिलाएं सिंदूर आदि लगाकर नदी में खड़े होकर उनके दर्शन की प्रतिक्षा करती हैं. पूरी पूजा पाठ करने के बाद चाय और छठी मैया के प्रसाद के साथ महिलाएं अपने व्रत को खोलती हैं. इसके साथ पूरे प्रसाद को सभी लोगों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों आदि में प्रसाद का वितरण किया जाता है ताकि सभी को छठी मैया की कृपा प्राप्त हो सके.
व्रत खोलने से पहले छठी मैया के सामने अपने मन की सारी मनोकामनाओं को मांग लें.
छठ व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है साथ ही बच्चों का स्वास्थ्य और आने वाली जिंदगी अच्छी रहती है.
इस व्रत के प्रभाव से घर के सारे दुख और क्लेश दूर होते हैं और सुख शांति और समृद्धि का वास होता है.
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