Friday, November 8, 2024
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Chhath Puja 2024: क्या एक बार छठ महापर्व छूटने पर दुबारा व्रत कर सकती है महिलाएं? जानें शास्त्रीय नियम

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Chhath Puja 2024: छठ महापर्व बिहार, यूपी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार नहीं एक इमोशन है। हालांकि भारत ही दुनिया के कई देशों में छठ महापर्व (Chhath Puja 2024) बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। 4 दिन चलने वाले इस महापर्व की शुरूआत 5 नवंबर 2024 से होने जा रही है। मालूम हो कि छठ व्रत बहुत ही शुद्धता और पवित्रता के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल रहते है। ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि अगर कोई एक बार छठ पूजा का व्रत छोड़ देता है तो क्या वह दुबारा कर सकता है। शास्त्रीय नियम के अनुसार यह कई परिस्थिति पर निर्भर करता है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़े सभी जवाब

क्या एक बार छठ महापर्व छूटने पर दुबारा कर सकती है महिलाएं

शास्त्रीय नियम के अनुसार अगर कोई महिला छठ महापर्व का व्रत अपनी इच्छा से छोड़ देती है तो वह दुबारा नहीं उठा सकती है, यानि वह दुबारा छठ व्रत नहीं कर सकती है। हालांकि अगर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है या फिर व्रती ( व्रत करने वाली महिला) की तबीयत खराब हो जाती है या फिर कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो वह अगले साल छट व्रत दुबारा कर सकती है (Chhath Puja 2024)।

Chhath Puja 2024 कब मनाया जाएगा?

बता दें कि छठ महापर्व में महज कुछ ही दिन बाकी रह गए है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में रहने वाले लोग अब गांव की और रूख कर रहे है। जिसके कारण ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा सकती है। 4 दिन चलने वाले इस महापर्व की शुरूआत 5 नवंबर 2024 से हो रही है। महापर्व के पहला दिन यानि नहाय खाय- 5 नवंबर, वहीं 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य, और 8 नवंबर को सुबह का अर्घ्य के साथ इस कठिन व्रत का समापन होता है। यह सबसे कठिन पर्व में से एक है। यह पर्व नियम तपस्या का पर्व है जो 4 दिनों तक चलता है (Chhath Puja 2024)।

छठ पूजा का महत्तव

बता दें कि इस त्योहार को बिहार, यूपी, झारखंड, कोलकाता समेत कई राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए भी इस महावपर्व को किया जाता है। इसके अलावा यह व्रत परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और रोगमुक्त जीवन के लिए किया जाता है। (Chhath Puja 2024) बता दें कि यह ऐसा पर्व है जहां उगते सूरज के साथ साथ डूबते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है।

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