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10वीं में साइंस ना लेने पर रुका 12वीं का रिजल्ट, फिर Bombay High Court ने ऐसे पलटा आदेश

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Bombay HC
Bombay HC

Bombay High Court: बाम्बे हाई कोर्ट Bombay HC के सामने हाल ही में एक मामला आया है जिसे सुनकर आप भी हो सकते हैं हैरान। अभी कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र बोर्ड Maharashtra Board ने 12वीं के परिणाम 12th Result घोषित किए है जिसमें एक छात्र के नतीजे को महाराष्ट्र बोर्ड ने जारी होने से रोक दिया है और कारण बताते हुए कहा कि,छात्र ने कक्षा 10वीं में साइंस विषय को नहीं चुना था और 12वीं में उसके पास साइंस स्ट्रीम है। लेकिन यह पूरा मामला सुनने के बाद बाम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह का कोई भी नियम नहीं होना चाहिए। ऐसे नियम को कोई भी महत्व नहीं है।  

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क्या था पूरा मामला

महाराष्ट्र के नासिक इलाके का एक छात्र जिसने 10वीं कक्षा में साइंस सबजेक्ट को नहीं लिया था लेकिन 10वीं के बोर्ड में अच्छे नंबर आने पर इसने 11वीं में साइंस विषय को लिया और प्रथम डिवीजन से पास भी हुआ था, लेकिन 12वीं में महाराष्ट्र बोर्ड ने उसका एडमिशन यह बोलकर खारिज कर दिया कि उस छात्र ने कक्षा 10वीं में साइंस सबजेक्ट को नहीं चुना था।

कोर्ट ने मामला सुनकर कहा कि ‘इस बात में कोई लॉजिक नहीं’

बाम्बे हाई कोर्ट में इस मामले को पूरा सुनने के बाद कहा कि इस तरह के नियम का कोई भी फायदा नहीं है । बार एंड बैंच की जानकारी के हिसाब से यह मामले की सुनवाई जस्टिस नीलम गोखले और गौतम पटेल के पीठ में हुई थी, जिसमें इन दोनों का कहना था कि “जब छात्र अपने लिए कोई एक विषय को चुनते है उस समय उनकी आयु मात्र 12 से 14 साल के बीच में होती है , और उस समय उन्हें इन सब बात का इतना अंदाजा नहीं होता है , लेकिन उनके इस नादानी में लिए हुए फैसले को लेकर हम छात्रों के आने वाल फ्यूचर को तो खराब  नहीं कर सकते हैं।”  इसके साथ ही हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र बोर्ड से सवाल करते हुए पूछा कि, उनका छात्रों को बोर्ड की परीक्षा कराने से आखिर मकसद क्या है उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करना या फिर अपने नियमों को उनके ऊपर बाधना हैं। हाई कोर्ट ने 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुए बदलाव पर भी ध्यान देते हुए कहा है कि जो लोगों के दिमाग में इन स्ट्रीमों को लेकर एक धारणा बनी हुई है उसे भी खत्म करना जरूरी है।

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