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NEET UG Exam को लेकर हुए कई बड़े बदलाव, यहां देखें एनएमसी द्वारा जारी किया गया नया प्रस्ताव

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NEET UG Exam: नीट यूजी परीक्षा भारत की सबसे बड़ी परीक्षा में से एक है। यह परीक्षा मेडिकल स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने के लिए देते हैं। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। 5 मार्च को होने वाली नीट यूजी परीक्षा से पहले ऐसा माना जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट परीक्षा को कुछ समय के लिए स्थगित करने का फैसला लेगा लेकिन अब इस एग्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है।

परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी

दरअसल नेशनल मेडिकल कमिशन ने एक प्रस्ताव जारी किया है। जिसमें कई बातों को बताया गया है। यदि नेशनल मेडिकल कमीशन का यह प्रस्ताव मान लिया जाता है तो नीतू जी परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी एनडीए और एनएमसी को मिल सकती है। यह प्रस्ताव nmc.org.in पर रिलीज किया गया है। इस पर लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं।

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एनएमसी द्वारा जारी किए गए नए प्रस्ताव में बदलाव

  • नीट यूजी परीक्षा का संचालन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) कर सकता है. या फिर ऐसी किसी एजेंसी या अथॉरिटी को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। या फिर एक से ज्यादा एजेंसियों को भी नीट यूजी एग्जाम के आयोजन का जिम्मा दिया जा सकता है।
  • फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या बायोटेक्नोलॉजी और इंग्लिश सब्जेक्ट्स के साथ बीते दो साल में 10+2 पास करने वाले स्टूडेंट्स ही नीट यूजी दे पाएंगे। यानी नीट में अटेंप्ट की सीमा बंध जाएगी।
  • कोई भी स्टूडेंट देश में या भारत से बाहर कहीं भी NEET Score के बिना मेडिकल यूजी कोर्स में दाखिला नहीं ले सकेगा। विदेश से MBBS या BDS करने के लिए भी उन्हें मिनिमम नीट यूजी स्कोर हासिल करना होगा।
  • NEET UG Marks Tie Braking के लिए सबसे पहले बायोलॉजी, फिर केमिस्ट्री फिर फीजिक्स के मार्क्स के आधार पर रैंक का फैसला होगा। उसके बाद भी अगर दो या ज्यादा कैंडिडेट्स के मार्क्स समान होते हैं, तो कंप्यूटर या अन्य टेक्निकल मीडियम से ड्रॉ निकालकर फैसला होगा। इसमें इंसान का कोई हाथ नहीं होगा। अभी सब्जेक्ट मार्क्स के बाद कैंडिडेट्स की उम्र पर फैसला होता है। जिसकी उम्र ज्यादा होती है उसे हायर रैंक मिलती है।
  • यूजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड एनईईटी यूजी परीक्षा का पैटर्न, भाषा समेत अन्य बदलावों का फैसला करेगा। बशर्ते बोर्ड अपनी नई नीतियां समय रहते बताए ताकि मेडिकल एस्पिरेंट्स को परेशानी न हो।

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